रियल एस्टेट सलाहकार कोलियर्स इंडिया के अनुसार देश के छह प्रमुख शहरों में कार्यालय मांग मजबूत बनी हुई है. इन शहरों में जनवरी-मार्च तिमाही में कार्यालय स्थलों की मांग सालाना आधार पर 35 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है. कोलियर्स इंडिया ने चालू तिमाही के खत्म होने के नौ दिन पहले जनवरी-मार्च के लिए कार्यस्थल बाजार पर आंकड़े जारी किए.

1.36 करोड़ वर्ग फीट ऑफिस स्पेस की मांग

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आंकड़ों के अनुसार, 2024 की पहली तिमाही के दौरान छह प्रमुख शहरों – बेंगलुरु, दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद और पुणे में कुल कार्यालय पट्टे 1.36 करोड़ वर्ग फीट तक बढ़ने का अनुमान है. एक साल पहले इसी अवधि में पट्टे 1.01 करोड़ वर्ग फुट के थे. रिपोर्ट के मुताबिक हैदराबाद, मुंबई, बेंगलुरु और दिल्ली-एनसीआर में मांग बढ़ने की उम्मीद है, जबकि चेन्नई में गिरावट आ सकती है.

कमर्शियल रियल एस्टेट में भी आ रहा निवेश

पिछले दिनों केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, ‘‘वर्ष 2047 तक विकसित भारत को आवासीय और कमर्शियल दोनों क्षेत्रों में अत्यधिक परिपक्व और विकसित रियल एस्टेट क्षेत्र की भी जरूरत होगी.’’ उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि डेटा सेंटर और वेयरहाउसिंग सहित कमर्शियल रियल एस्टेट में निवेश आ रहा है. इसके अलावा रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (REITs) की शुरुआत से भी रियल एस्टेट क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने में मदद मिली है. पुरी ने कहा, "RERA एक परिवर्तनकारी घटना थी.