जब भी आप कोई फ्लैट खरीदते हैं तो बिल्‍डर या प्रॉपर्टी डीलर आपसे कारपेट एरिया, बिल्ट-अप और सुपर बिल्ट-अप एरिया वगैरह का जिक्र करता है. इन शब्‍दों के बीच का फर्क तमाम लोग नहीं जानते और इसी का बिल्‍डर्स या प्रॉपर्टी डीलर्स फायदा उठाते हैं और धोखे के चांसेज बढ़ जाते हैं. चूंकि किसी भी फ्लैट की कीमत स्क्वायर फीट पर तय होती है, तो ऐसे में ग्राहक को ये पता होना चाहिए कि वो किसके लिए भुगतान कर रहे हैं. यहां जानिए क्‍या होता है कारपेट, बिल्ट-अप और सुपर बिल्ट-अप एरिया.

कारपेट एरिया

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सबसे ज्‍यादा जरूरी है कारपेट एरिया को समझना क्‍योंकि रहने के लिए फ्लैट के इसी हिस्‍से का इस्‍तेमाल किया जाता है या यूं कहें कि ये फ्लैट निर्माण का वास्‍तविक एरिया होता है. कारपेट एरिया फ्लैट के अंदर का खाली स्थान होता है. ये बिल्‍ट अप एरिया का 70 फीसदी होता है. लिविंग डायनिंग रूम, बेडरूम, बाथरूम, स्‍टडी रूम और किचन आदि का निर्माण कारपेट एरिया में ही किया जाता है. इसे नेट यूजेबल एरिया भी कहा जाता है. दीवार की मोटाई, बालकनी, छत वगैरह को इस हिस्‍से में शामिल नहीं किया जाता. लेकिन अगर छत की सीढियां घर के अंदर ही बनी हुई हैं, तो वो कारपेट एरिया में शामिल होती हैं.

बिल्ट-अप एरिया

कारपेट एरिया से जिन चीजों को बाहर कर दिया जाता है, वे सभी बिल्‍ट अप एरिया में आती हैं. यानी बालकनी, छत, दीवारों की मोटाई, कॉरिडोर वगैरह बिल्‍ट अप एरिया में शामिल होती है. सामान्य तौर पर ये कारपेट एरिया से 10 से 15 फीसद ज्यादा होता है. बिल्ट अप एरिया कैलकुलेट करने के लिए इसमें कारपेट एरिया और दीवारों की ओर से कवर किया गया क्षेत्र जोड़ लें.

सुपर बिल्‍ट-अप एरिया

जिस हाउसिंग सोसाइटी में आपने फ्लैट खरीदा है, उस सोसाइटी में जिन चीजों का निर्माण कॉमन यूज के लिए किया जाता है, उसे सुपर बिल्‍ट-अप एरिया कहा जाता है. पार्क, जिम, जेनरेटर रूम, सीढियां, लिफ्ट, टेनिस कोर्ट आदि इसी सुपर बिल्‍ट-अप एरिया का ही हिस्‍सा होते हैं. लेकिन अंडर ग्राउंड संप, वॉटर टैंक, स्वीमिंग पूल, स्पोर्ट्स एरिया, फूलों की क्यारियां और मचान शामिल नहीं होते.

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