Encumbrance Certificate: एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट क्या होता है, कब पड़ती है इसकी जरूरत और ये कैसे बनता है? यहां जानिए सबकुछ
एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट एक तरह का कानूनी दस्तावेज है, जिसके जरिए ये आसानी से पता चल जाता है कि प्रॉपर्टी कानूनी पचड़ों और वित्तीय बोझ से मुक्त है या नहीं.
एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट (Encumbrance Certificate- EC) एक ऐसा कानूनी दस्तावेज है, जिसमें किसी भी प्रॉपर्टी को लेकर हर जरूरी जानकारी दर्ज होती है- जैसे संपत्ति का मालिकाना हक किसके पास है, संपत्ति पर कोई थर्ड पार्टी क्लेम तो नहीं है, किसी तरह का मुकदमा तो नहीं है, या संपत्ति पर कोई लोन तो नहीं चल रहा और अगर चल रहा है तो उसे चुकाया गया है या नहीं. ये सारी जानकारी आपको इस सर्टिफिकेट के अंदर आसानी से मिल जाती है. इसके अलावा संपत्ति पर कितने सालों से ट्रांजेक्शन चल रहा है और जब से ये संपत्ति बनी है, तब से ये कितने लोगों के पास रह चुकी है और वर्तमान में इसका मालिक कौन है आदि जानकारी भी इस सर्टिफिकेट में दर्ज होती है. आसान शब्दों में समझें तो एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट के जरिए ये आसानी से पता चल जाता है कि प्रॉपर्टी कानूनी पचड़ों और वित्तीय बोझ से मुक्त है या नहीं.
कब पड़ती है एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट की जरूरत
- जब आप प्रॉपर्टी खरीदते हैं और मालिक के साथ प्रॉपर्टी को लेकर डील करते हैं, तो इस सर्टिफिकेट की जरूरत पड़ती है, क्योंकि यही इस बात का प्रमाण होता है संपत्ति हर तरह के कानूनी पचड़ों और वित्तीय बोझ से मुक्त है.
- जब आप प्रॉपर्टी खरीदने के लिए होम लोन लेते हैं, तो आपकी लोन एप्लिकेशन मंजूर करने से पहले बैंक कई बार आपसे एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट की मांग कर सकते हैं. ऐसे में भी आपको इसकी जरूरत पड़ सकती है.
- अगर आप प्रॉपर्टी खरीदने के लिए अपने प्रॉविडेंट फंड से पैसा निकालते हैं तो आपका नियोक्ता आपसे एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट की मांग कर सकता है.
- जब आप अपनी प्रॉपर्टी का सौदा करते हैं तो खरीददार को एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट दिखाने की जरूरत पड़ती है.
कैसे बनता है एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट
भारत के तमाम राज्यों जैसे आन्ध्र प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, केरल, पुडुचेरी आदि में एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट बनवाने के लिए आप ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं. वहीं इसे ऑफलाइन बनवाने के लिए आपको क्षेत्र के तहसीलदार के ऑफिस में जाना पड़ता है. यहां आपको एक फॉर्म भरने के साथ जरूरी दस्तावेज जैसे एड्रेस प्रूफ, प्रॉपर्टी की जानकारी, जिसके लिए वो ईसी मांग रहा है, प्रॉपर्टी के लिए डीड बनाई गई है तो डीड की कॉपी आदि मांगे गए दस्तावेजों को जमा करना होगा. इसके बाद एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट जारी होने में 15 से 30 दिनों का समय लगता है. आप 12 से लेकर 30 सालों तक का एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट बनवा सकते हैं.