2030 तक 1 लाख करोड़ डॉलर का होगा भारत का रियल एस्टेट, GDP में योगदान 15% होगा: पुरी
हाउसिंग मिनिस्टर हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि सा 2023 तक भारत का रियल एस्टेट 1 लाख करोड़ डॉलर का हो जाएगा. देश की GDP में इसका योगदान 15 फीसदी होगा.
केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार को कहा कि वर्ष 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए वर्ष 2030 तक एक लाख करोड़ डॉलर के अनुमानित बाजार के साथ अत्यधिक परिपक्व और विकसित रियल एस्टेट क्षेत्र की जरूरत होगी. रियल्टी कंपनियों के संगठन CREDAI की युवा शाखा द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में पुरी ने कहा कि रियल एस्टेट नियामक कानून 'RERA' का लागू होना पूरे क्षेत्र के लिए एक परिवर्तनकारी घटनाक्रम रहा है.
कमर्शियल रियल एस्टेट में भी आ रहा निवेश
पुरी ने कहा, ‘‘वर्ष 2047 तक विकसित भारत को आवासीय और कमर्शियल दोनों क्षेत्रों में अत्यधिक परिपक्व और विकसित रियल एस्टेट क्षेत्र की भी जरूरत होगी.’’ उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि डेटा सेंटर और वेयरहाउसिंग सहित कमर्शियल रियल एस्टेट में निवेश आ रहा है. इसके अलावा रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (REITs) की शुरुआत से भी रियल एस्टेट क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने में मदद मिली है. पुरी ने कहा, "RERA एक परिवर्तनकारी घटना थी.
RERA का गठन रियल एस्टेट में बड़ी सफलता
अर्थव्यवस्था के सबसे बड़े क्षेत्रों में से एक के पास लगभग 70 वर्षों तक कोई नियामक नहीं होना आश्चर्यजनक था." उन्होंने कहा कि देश भर में 1,22,553 रियल एस्टेट परियोजनाएं और 86,262 रियल एस्टेट एजेंट इस नियामक के साथ पंजीकृत हैं. हालांकि उन्होंने यह माना कि कुछ राज्य RERA के कार्यान्वयन में दूसरों से बेहतर कर रहे हैं. पुरी ने कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र देश का दूसरा सबसे बड़ा नियोक्ता है.
GDP में योगदान 15% होगा
उन्होंने कहा, "अनुमान है कि यह क्षेत्र सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 15 फीसदी का योगदान देगा और वर्ष 2030 तक बाजार का आकार एक लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच जाएगा." उन्होंने कहा कि देश की बढ़ती शहरी जरूरतों को पूरा करने के लिए वर्ष 2030 तक 2.5 करोड़ अतिरिक्त किफायती आवासों की जरूरत होगी.