Private Investment in Real Estate: रियल एस्टेट में प्राइवेट इक्विटी इनवेस्टमेंट में हल्की कमी आई है साथ ही सौदों की संख्या भी कम हुई है. प्रॉपर्टी कंसल्टेंट एनारॉक की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक चालू वित्त वर्ष यानि FY25 की पहली छमाही में देश के रियल एस्टेट सेक्टर में कुल 2.3 अरब अमेरिकी डॉलर का निजी निवेश आया है. कुल PE निवेश में 67 फीसदी हिस्सा इंडस्ट्रियल और लॉजिस्टिक्स सेक्टर ने हासिल किया है. बाकी 17 फीसदी ऑफिस स्पेस में और इतना ही यानि 17 फीसदी रेजीडेंशियल में निजी निवेश दर्ज किया गया है.

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इसमें निवेश के प्रकार को देखें तो 17 फीसदी (Debt) कर्ज के तौर पर, 17 फीसदी (Equity) हिस्सेदारी और 66 फीसदी का बड़ा हिस्सा (Mix) मिलाजुला रहा है. निजी निवेश में गिरावट की बड़ी वजह ऑफिस स्पेस में घटा निवेश है. बीते साल इसी दौरान यानि वित्तवर्ष 24 की पहली छमाही में कुल निजी निवेश में ऑफिस स्पेस का 73% हिस्सा था जो अब घटकर 17% रह गया है.

किन शहरों में PE निवेश घटा-बढ़ा?

वित्त वर्ष 25 की पहली छमाही में घरेलू और विदेशी निवेशकों का अनुपात लगभग पिछले साल जैसा है. इस बार 87 फीसदी हिस्सा विदेशी निवेशकों का है जबकि 13 फीसदी घरेलू निवेशकों ने रियल्टी सेक्टर में निवेश किया है. बीते साल इसी दौरान 86 फीसदी विदेशी और 14 फीसदी घरेलू निवेश देखा गया था. शहरों के आधार पर देखें तो बेंगलुरु और हैदराबाद को छोड़कर करीब-करीब सभी शहरों में निजी निवेश गिरा है. बेंगलुरु में कुल निजी निवेश का 9 फीसदी हिस्सा है जो बीते साल शून्य था. हैदराबाद में ये 4 फीसदी से बढ़कर 12 फीसदी हो गया है. 

मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन यानि MMR में 9% निवेश है ये पिछले साल 23 फीसदी था.NCR में पिछले साल ये आंकड़ा 3 फीसदी था जो घटकर 0.1 फीसदी रह गया है. पुणे में 2 फीसदी से घटकर 1.5 फीसदी, चेन्नई में 2 फीसदी से घटकर 0.5 फीसदी निवेश आया है. कोलकाता में बीते साल की तरह इस बार भी निवेशकों का ध्यान नहीं गया है. और निजी निवेश शून्य रहा है.

इंडस्ट्रियल & वेयरहाउसिंग ने खींचा निवेश

वित्त वर्ष 25 की पहली छमाही में अबु धाबी इनवेस्टमेंट अथॉरिटी और KKR ने मिलकर रिलायंस लॉजिस्टिक्स एवं वेयरहाउसिंग में 1542 मिलियन अमेरिकी डॉलर यानि करीब 13 हजार करोड़ रुपए निवेश किए हैं. जो कि कुल PE निवेश का 67% है.कमर्शियल रियल एस्टेट में $36.90 करोड़ के साथ दूसरा सबसे अधिक निजी निवेश आया है. इसमें GIC & Xander ने SPRE फंड 2, हैदराबाद में इक्विटी के जरिए $25.8 करोड़ निवेश किया है. कैपिटल इंडिया ट्रस्ट ने Aurum Ventures, MMR में $8.5 करोड़ और Phoenix Group, हैदाराबाद में $2.6 करोड़ इक्विटी के जरिए निवेश किया है. 

रेजीडेंशियल प्रोजेक्ट्स में 6 बड़े निवेश आए हैं इनमें HDFC कैपिटल ने प्रोविडेंट हाउसिंग, बेंगलुरु में $13.8 करोड़, PAG ने शापूरजी पालोनजी MMR में $6.1 करोड़, Edelweiss ने सेंचुरी ग्रुप बेंगलुरू में $5.4 करोड़, S C Lowy ने Pharande Township, पुणे में $3.3 करोड़, ASK Property Fund ने कल्पतरु ग्रुप, MMR में 2.3 करोड़ और निसस फाइनेंस ने धर्मादेव ग्रुप सूरत में $1.9 करोड़ का निवेश किया है. रिजीडेंशियल में सभी निवेश कर्ज के रूप में किए गए हैं.

एनारॉक कैपिटल के MD & CEO, शोभित अग्रवाल ने कहा, "ऑफिस में निजी इक्विटी निवेश मुख्य रूप से विदेशी निवेशकों द्वारा संचालित होता है, जो वैश्विक राजनीती के तनाव और ऊंची ब्याज दरों जैसे वैश्विक कारकों के कारण कम हो गया है. हालांकि, रिलायंस रिटेल वेयरहाउसिंग परिसंपत्तियों में ADIA/KKR के निवेश के कारण भारतीय रियल एस्टेट में विदेशी निवेशकों की कुल संख्या और प्रभुत्व काफी हद तक स्थिर रहा है."