Budget 2025, Real Estate Sector: नया साल दस्तक दे चुका है, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बजट भाषण आने वाला है और हर किसी की नजरें उस पर टिकी हैं. खासकर रियल एस्टेट सेक्टर, जो भारतीय अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा है, इसमें बड़े बदलावों की उम्मीद कर रहा है. अगर आप प्रॉपर्टी में निवेश की योजना बना रहे हैं, तो यह जानना जरूरी है कि यह बजट बाजार पर क्या असर डालेगा. जानें बाजार का हाल और निवेश के अवसर-घर या प्रॉपर्टी खरीदने का सोच रहे हैं? बजट 2025 से जानिए रियल एस्टेट विशेषज्ञों की उम्मीदें.

2024 में बाजार की स्थिति

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बीते साल, रियल एस्टेट सेक्टर ने शानदार प्रदर्शन किया, खासकर प्रीमियम सेगमेंट में। ₹10 करोड़ से ₹80 करोड़ तक की प्रॉपर्टी की बिक्री में जोरदार उछाल देखा गया. वहीं, मिड और लोअर मिड सेगमेंट के लिए सप्लाई में कमी एक बड़ी चिंता बनी रही. विशेषज्ञों का कहना है कि 2025 में इस असंतुलन को दूर करने के लिए ठोस नीतिगत सुधारों की आवश्यकता है. रियल एस्टेट सेक्टर को बजट 2025 से कुछ बड़े सुधारों की उम्मीद है. आइए जानते हैं, उद्योग जगत को बजट 2025 से क्या उम्मीदें हैं.

स्टांप ड्यूटी में कटौती की जरूरत, खरीदारों को बड़ी राहत की उम्मीद

क्रेडाई एनसीआर के अध्यक्ष और गौड़ ग्रुप के सीएमडी मनोज गौड़ का कहना है कि रियल एस्टेट देश की आर्थिक तरक्की का आईना है. हम उम्मीद करते हैं कि सरकार विकास की रफ्तार तेज करने के लिए जरूरी कदम उठाएगी. हमारी सबसे बड़ी मांगों में से एक है स्टांप ड्यूटी को कम करना, क्योंकि इसकी बढ़ती दरें खरीदारों पर बड़ा वित्तीय बोझ डाल रही हैं. साथ ही, सेक्शन 80 (C) के तहत टैक्स छूट की सीमा को 1.5 लाख से बढ़ाकर 5 लाख करना घर खरीदने की प्रक्रिया को और सरल बना सकता. 

टैक्स में राहत और घर खरीदने वालों के लिए सहूलियत

आने वाले बजट से रियल एस्टेट सेक्टर को बड़ी उम्मीदें हैं। सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) के फाउंडर और चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि अगर हाउसिंग लोन पर टैक्स छूट की सीमा बढ़ाकर ₹5 लाख कर दी जाए, तो यह घर खरीदने वालों के लिए बड़ी राहत होगी. इससे लाखों लोगों को अपना घर खरीदने का सपना पूरा करने में मदद मिलेगी. उन्होंने आगे कहा कि रियल एस्टेट को इंडस्ट्री का दर्जा मिलने से 200 से ज्यादा जुड़े क्षेत्रों को मजबूती मिलेगी. यह कदम रोजगार के नए अवसर और स्किल डेवलपमेंट को बढ़ावा देगा. इसके अलावा, ₹1 करोड़ तक के हाउसिंग लोन पर ₹5 लाख की सब्सिडी से शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के लोगों को भी राहत मिलेगी.

रियल एस्टेट को 'इंडस्ट्री' का दर्जा मिले

एसकेए ग्रुप के डायरेक्टर संजय शर्मा ने कहा कि रियल एस्टेट देश के सबसे बड़े रोजगार देने वाले सेक्टरों में से एक है. अगर इसे इंडस्ट्री का दर्जा मिल जाए, तो इससे इस सेक्टर को और मजबूती मिलेगी. साथ ही, 'सभी के लिए घर' का सपना भी जल्दी पूरा होगा. ट्राईसोल रेड के मैनेजिंग डायरेक्टर पवन शर्मा के अनुसार रियल एस्टेट को 'इंफ्रास्ट्रक्चर स्टेटस' देने से सेक्टर में बड़ा बदलाव आ सकता है। इससे सस्ते और लंबे समय के लोन आसानी से मिल पाएंगे, जिससे निवेशकों का भरोसा कायम रहेगा.  

2024 में वाणिज्यिक रियल एस्टेट में वृद्धि

स्पेक्ट्रम मेट्रो के वाइस प्रेजीडेंट सेल्स एंड मार्केटिंग अजेंद्र सिंह ने कहा, “2024 में वाणिज्यिक रियल एस्टेट में तेजी से वृद्धि हुई और इस साल भी बढ़ने की उम्मीद है. बजट 2025 से पहले, हम उम्मीद करते हैं कि सरकार इस क्षेत्र को उद्योग का दर्जा देगी और स्वीकृतियों को सुव्यवस्थित करने के लिए एकल-खिड़की निकासी प्रणाली लागू करेगी."

सिंगल विंडो क्लीयरेंस से आसान होगी प्रोजेक्ट मंजूरी

अंसल हाउसिंग के डायरेक्टर कुशाग्र अंसल ने कहा कि अगर सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम लागू होता है, तो डेवलपर्स को मंजूरी लेने में कम समय लगेगा. इससे प्रोजेक्ट्स जल्दी पूरे होंगे और घर खरीदने वालों को जल्दी घर मिल सकेंगे. HCBS डिवेलपमेंट्स के ग्रुप मैनेजिंग डायरेक्टर सौरभ सहारण ने कहा कि आगामी बजट से हमारी सबसे बड़ी उम्मीद है कि रियल एस्टेट सेक्टर को उद्योग का दर्जा मिले. यह कदम खासकर मजदूरों के लिए रोजगार के नए मौके पैदा करेगा और सेक्टर को तेजी से आगे बढ़ाएगा. साथ ही, सिंगल विंडो क्लियरेन्स  सिस्टम लागू हो और ऐसी नीतियां आएं जो घर खरीदना आम लोगों के लिए और आसान बनाएं.

घर खरीद को प्रोत्साहन और ब्याज दरों पर कंट्रोल

रहेजा डेवलपर्स के वाइस प्रेसिडेंट मोहित कालिया ने कहा कि सस्ते घरों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है. अगर इनकम टैक्स में छूट बढ़ाई जाए, तो लोग ज्यादा घर खरीदने के लिए प्रेरित होंगे. ग्रुप 108 के एमडी संचित भूटानी ने कहा कि सेक्शन 80C के तहत REIT निवेशकों को टैक्स इंसेंटिव देना और सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम लागू करना भी इस क्षेत्र की स्थिर ग्रोथ के लिए जरूरी कदम होंगे. सीआरसी ग्रुप के डायरेक्टर (मार्केटिंग और बिज़नेस मैनेजमेंट) सलिल कुमार ने कहा कि रियल एस्टेट सेक्टर की तरक्की को बनाए रखने के लिए हम सरकार से अपील करते हैं कि आने वाले बजट में इस सेक्टर को इंडस्ट्री का दर्जा दिया जाए. इससे निवेश बढ़ेगा, रोजगार के नए मौके बनेंगे और यह सेक्टर अपनी पूरी क्षमता से काम कर पाएगा. साथ ही, अगर सिंगल विंडो क्लियरेन्स सिस्टम लागू किया जाए, तो कामकाज में आसानी होगी और प्रोजेक्ट जल्दी पूरे होंगे.

इंफ्रास्ट्रक्चर इंडस्‍ट्री का दर्जा मिले

एस्कॉन इन्फ्रा रियलटर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर नीरज शर्मा का कहना है कि अगर रियल एस्टेट सेक्टर को 'इंफ्रास्ट्रक्चर स्टेटस' दिया जाए, तो इससे इस सेक्टर को नई दिशा मिल सकती है. इससे लंबे समय तक कम ब्याज पर लोन लेना आसान होगा. साथ ही, अगर प्रोजेक्ट्स के लिए सिंगल-विंडो क्लीयरेंस सिस्टम लाया जाए, तो काम में तेजी आएगी, प्रोजेक्ट समय पर पूरे होंगे और देशभर में रोजगार के नए मौके भी बनेंगे. राइज इंफ्रावेंचर्स के फाउंडर और सीईओ सचिन गावरी कहते हैं कि रियल एस्टेट भारत की प्रगति का आइना है, लेकिन इसमें अभी भी बहुत संभावनाएं हैं. बजट 2025 में किफायती घरों की परिभाषा को ₹80 लाख तक बढ़ाना, होम लोन पर ₹5 लाख की टैक्स छूट देना और जमीन के नए विकल्प तैयार करना चाहिए.

आम आदमी को मिले छूट

भूमिका ग्रुप के सीएमडी उद्धव पोद्दार का कहना है कि हमारी सबसे बड़ी उम्मीद है कि होम लोन की किस्तों पर मिलने वाली सेक्शन 80C की छूट की सीमा बढ़ाई जाए. हम चाहते हैं कि रियल एस्टेट को एक आधिकारिक उद्योग के रूप में मान्यता मिले, जिससे यह क्षेत्र अपनी पूरी ताकत से आगे बढ़ सके और ज्यादा तरक्की कर सके. लैंडमार्क ग्रुप के फाउंडर और चेयरमैन संदीप छिल्लर का कहना है कि रियल एस्टेट सेक्टर इस समय बेहतर परफॉरमेंस और लगातार बढ़ते विकास के चलते एक अहम मोड़ पर है. बजट से हमें काफी उम्मीदें हैं कि हमारी पुरानी मांगें, जैसे इंडस्ट्री का दर्जा और सिंगल विंडो क्लीयरेंस, पूरी की जाएगी.

बजट में कई सुधारों की उम्‍मीद

क्रीवा और कनोडिया ग्रुप के फाउंडर डॉ. गौतम कनोडिया का कहना है कि रियल एस्टेट सेक्टर भारत की अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा है, और हमें उम्मीद है कि आने वाला बजट ऐसे सुधार लाएगा, जो बाजार में पैसों की कमी को दूर करेंगे। सरकार को टैक्स में राहत देने और कंस्ट्रक्शन के सामान पर जीएसटी कम करने पर ध्यान देना चाहिए. रॉयल एस्टेट ग्रुप के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर पीयूष कंसल का कहना है कि 2024 में लग्जरी रियल एस्टेट ने पूरे सेक्टर में अच्छी बढ़त दिलाई. 2025 में भी यह रफ्तार जारी रहने की उम्मीद है। हमें इस बजट से बड़ी उम्मीदें हैं.

रियल एस्टेट सेक्टर को मिले उद्योग का दर्जा

एमआरजी ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर रजत गोयल ने कहा कि रियल एस्टेट सेक्टर में बहुत संभावनाएं हैं, लेकिन इसे सही तरीके से बढ़ाने के लिए मौजूदा नीतियों को जारी रखने के साथ-साथ इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी ध्यान देना जरूरी है. होम लोन के प्रिंसिपल और ब्याज पर ज्यादा छूट देने से लोग घर खरीदने के लिए ज्यादा प्रेरित होंगे. एक्सेंशिया इंफ्रा के डायरेक्टर मानित सेठी का कहना है कि रियल एस्टेट सेक्टर को उद्योग का दर्जा देने की मांग काफी समय से की जा रही है, और यह इस बजट से लोगों की बड़ी उम्मीद है। टियर-2 और टियर-3 शहरों में घरों की बढ़ती मांग को देखते हुए बजट में ऐसी नीतियां लानी चाहिए, जिनसे होम लोन के मूलधन पर टैक्स छूट की सीमा ₹1.50 लाख से ज्यादा बढ़ाई जा सके. 

एक ट्रिलियन इकोनॉमी का हासिल होगा लक्ष्‍य

तिरस्या एस्टेट्स के फाउंडर और मैनेजिंग डायरेक्टर रविंद्र गांधी का कहना है कि जैसे-जैसे केंद्रीय बजट 2025-26 करीब आ रहा है, रियल एस्टेट सेक्टर को ऐसे बदलावों की उम्मीद है जो विकास को बढ़ावा दे. अगर किफायती घरों के लिए सब्सिडी और फंड तक पहुंचने में मदद मिले, तो यह सेक्टर 2030 तक $1 ट्रिलियन का लक्ष्य हासिल कर सकता है. इससे न सिर्फ देश की आर्थिक तरक्की होगी, बल्कि लाखों लोगों का घर खरीदने का सपना भी पूरा हो सकेगा. 

सनड्रीम ग्रुप के सीईओ ने कही ये बात

सनड्रीम ग्रुप के सीईओ हर्ष गुप्ता कहते हैं कि कमर्शियल रियल एस्टेट सेक्टर सरकार के बिजनेस और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के सपने को साकार करने में बड़ी भूमिका निभाता है. बढ़ती मांग को देखते हुए, हम सरकार से उम्मीद करते हैं कि आने वाले बजट में ऐसे कदम उठाए जाएं, जैसे ब्याज दरों को आसान बनाना और मंजूरी के लिए सिंगल-विंडो सिस्टम लाना.

इंडस्ट्री का दर्जा देने की मांग

पिरामिड इंफ्राटेक के अश्वनी कुमार का कहना है कि रियल एस्टेट सेक्टर इस समय अच्छी रफ्तार पर है, लेकिन आने वाले बजट से हमारी सबसे बड़ी उम्मीद इसे इंडस्ट्री का दर्जा देने की है. साथ ही, हम सरकार से कहना चाहते हैं कि सीमेंट और स्टील जैसी जरूरी सामग्रियों पर भारी टैक्स को कम किया जाए, क्योंकि इससे निर्माण की लागत बढ़ रही है और प्रोजेक्ट पूरा करना मुश्किल हो रहा है. ओकस ग्रुप के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर प्रकाश मेहता कहते हैं कि 2024 में रियल एस्टेट सेक्टर ने अच्छी तरक्की की, और उम्मीद है कि यह रफ्तार 2025 में भी बनी रहेगी. लेकिन इस सेक्टर को सही मायने में आगे बढ़ाने के लिए सरकार से उम्मीद है कि वो इस बजट में रियल एस्टेट को 'इंडस्ट्री का दर्जा' देंगे. 

लंबी समय से चल रही मांग होगी पूरी

प्रतीक ग्रुप के एमडी प्रतीक तिवारी का कहना है कि रियल एस्टेट सेक्टर को आने वाले बजट से बड़ी उम्मीदें हैं. सालों से यह सेक्टर न सिर्फ रोजगार देने वाला बड़ा क्षेत्र बन गया है, बल्कि देश की जीडीपी में भी इसका योगदान बढ़ा है, और यह आगे और बढ़ने की उम्मीद है. इसलिए, हम सरकार से उम्मीद करते हैं कि वह लंबे समय से चल रही मांगों को पूरा करेगी, जैसे सिंगल-विंडो क्लियरेंस सिस्टम और इंडस्ट्री का दर्जा देना.

निवेश के लिए क्या होगा खास?

बजट 2025 की घोषणाओं पर ही निर्भर करेगा कि यह सेक्टर मध्यम वर्ग और निवेशकों की उम्मीदों पर कितना खरा उतरेगा. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सरकार सेक्टर के सुधारों पर ध्यान दे, तो रियल एस्टेट बाजार में व्यापक बदलाव हो सकता है. रियल एस्टेट सेक्टर न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था का एक मजबूत स्तंभ है, बल्कि करोड़ों लोगों के लिए रोजगार और निवेश का प्रमुख साधन भी है. बजट 2025 से इस क्षेत्र को नई दिशा देने की पूरी उम्मीद है. क्या सरकार इस सेक्टर की मांगों को पूरा कर पाएगी? यह देखना दिलचस्प होगा.