पटरियों पर 180 किमी प्रति घंटे की स्पीड से गुजरी वंदे भारत स्लीपर, पानी के ग्लास से नहीं छलकी एक बूंद, सामने आया वीडियो
Vande Bharat Train: नए साल में रेल यात्रियों को जल्द ही वंदे भारत स्लीपर की सौगात मिलने जा रही है. कोटा डिवीजन में वंदे भारत के सफल परीक्षणों के दौरान 180 किमी/घंटा की अधिकतम गति प्राप्त की है.
Vande Bharat Train: नए साल के आगाज के साथ ही रेलवे ने यात्रियों की सुविधा को बढ़ाने के लिए कई सौगात देने जा रही है. छोटी और मध्यम दूरी की ट्रेनों में तेज, सुरक्षित और वर्ल्ड क्लास यात्रा का अनुभव देने के बाद, भारतीय रेलवे अब लंबी दूरी की ट्रेनों में भी इसे हकीकत बनाने जा रहा है. दरअसल वंदे भारत स्लीपर ट्रेन ने पिछले तीन दिनों में कई ट्रायल रन के दौरान 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार को हासिल कर लिया है. इस ट्रायल इस महीने के आखिरी तक जारी रहेंगे. इसके बाद लंबी दूरी की यात्रा के लिए ये ट्रेन रेल यात्रियों को उपलब्ध हो जाएगी.
Vande Bharat Train: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शेयर किया वीडियो
केंद्रीय रेल मंत्री, अश्विनी वैष्णव ने सोशल माीडिया प्लेटफॉर्म X पर कोटा मंडल में ट्रायल का सफल परीक्षण का वीडियो साझा करते हुए अपनी पोस्ट में रफ्तार का उल्लेख किया है. वीडियो में वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के अंदर एक समतल सतह पर रखे मोबाइल के बगल में पानी से लगभग भरा गिलास दिखाई दे रहा है. वीडियो में देखा जा सकता है कि जैसे ही ट्रेन 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ती है, गिलास में पानी का स्तर स्थिर रहता है.
Vande Bharat Train: कोटा और लाबान के बीच 180 किमी/घंटा की रफ्तार की हासिल
गुरुवार को राजस्थान के बूंदी जिले में कोटा और लाबान के बीच 30 किलोमीटर लंबी दौड़ के दौरान ट्रेन ने 180 किमी/घंटा की रफ्तार हासिल की. 1 जनवरी 2025 के पहले दिन, रोहल खुर्द से कोटा के बीच 40 किलोमीटर लंबे परीक्षण के दौरान, वंदे भारत स्लीपर ट्रेन ने 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार को छुआ. उसी दिन, कोटा-नागदा और रोहल खुर्द-चौमहला खंडों पर 170 किमी/घंटा और 160 किमी/घंटा की रफ्तार हासिल की गई. ये ट्रायल जनवरी महीने तक आरडीएसओ, लखनऊ की देखरेख में जारी रहेंगे.
Vande Bharat Train: स्वचालित दरवाजे, आरामदायक बर्थ, वाई-फाई जैसी सुविधा
वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों को स्वचालित दरवाजे, बेहद आरामदायक बर्थ, ऑन बोर्ड वाई-फाई और विमान जैसी डिजाइन जैसी सुविधाओं के साथ डिजाइन किया गया है. रेलवे के सामने सबसे बड़ा काम था ट्रेन में सोने वाली सीटें (बर्थ) लगाना और यह देखना कि पूरी तरह से यात्रियों और सामान से भरी होने पर भी ट्रेन ठीक से चल पाए. यह सब करते हुए ट्रेन को 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार भी पकड़नी थी, तभी उसे वंदे भारत स्लीपर ट्रेन बनाया जा सकता था.
Vande Bharat Train: राजधानी से भी ज्यादा स्पीड से चलेगी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन
वंदे भारत के बाकी के ट्रायल सफल रहे, तो उम्मीद है कि कश्मीर से कन्याकुमारी, दिल्ली से मुंबई, हावड़ा से चेन्नई और दूसरी लंबी दूरी की यात्राओं में भी यात्रियों को बढ़िया रेल यात्रा का अनुभव मिलेगा. अभी मुंबई से दिल्ली जाने में औसतन ट्रेन को 90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलना होता है. तेजस राजधानी एक्सप्रेस जैसी ट्रेन, जो कि सभी राजधानी ट्रेनों में सबसे तेज है, 140 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार से चल सकती है. मगर वंदे भारत स्लीपर ट्रेन 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल पाएगी, जिससे समय और भी कम लगेगा.