जल संरक्षण व जल प्रबंधन को ले कर भारत सरकार की ओर से जल शक्ति अभियान शुरू किया गया है. इस अभियान के तहत देश में एक निश्चित समय अवधि के दौरान जल संरक्षण के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के साथ ही पानी की बचत के लिए सभी तरह के प्रयास किए जाएंगे.

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दो फेज में चलेगा अभियान

जल शक्ति अभियान के तहत प्रमुख रूप से दो फेज में चलाया जाएगा. पहला फज 1 जुलाई से 15 सितम्बर तक चलाया जाएगा. वहीं फेज 2 01 अक्टूबर से 30 नवम्बर तक होगा. दूसरे फेज में सिर्फ चार दक्षिणी राज्यों को शामिल किया गया है जिससे वापसी के समय मानसून गुजरता है. इस अभियान के तहत 256 जिलो में प्रमुख रूप से काम किया जाएगा जहां भूमिगत की समस्या है. केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने जल शक्ति अभियान की शुरुआत की.

तकनीकी अधिकारी भी लेंगे भाग

इस अभियान के तहत केंद्र व राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ कइ तरह के तकनीकी संस्थानों के अधिकारी भी हिस्सा लेंगे. इसमें किसानों को बताया जाएगा कि वो आधुनिक तकनीक का प्रयोग कर कैसे जल की बचत कर सकते हैं. वहीं तकनीक के जरिए पानी का प्रबंधन और कैसे किया जा सकता है इस पर भी काम होगा.

इन पांच क्षेत्रो में होगा काम

 जल शक्ति अभियान के तहत इसमें पांच प्रमुख क्षेत्रों में काम किया जाएगा. जल संरक्षण व रेल वॉटर हारवेस्टिंग, पारंपरिक वॉटर बॉडीज को फिर से जीवित करना, सूखे पड़ी वॉटर बाडीज को फिर से रीचार्ज करना, वॉटर शेड डेवलपमेंट व बड़े पैमाने पर जंगल लगाने का काम किया जाना है.

सिचाई में भी होगी पानी की बचत

जिलों में सिचाई की योजनाओं में जल संरक्षण की योजना को जोड़ा जाएगा ताकि कम से कम पानी के खर्च में अधिक से अधिक पैदावार को कैसे लिया जाए. इसमें आधुनिक तकनीक के जरिए सिचाई की योजनों पर भी काम होगा.