Train Accident: बीते कुछ समय में आए दिए हमारी नजरों के सामने ट्रेन हादसों से जुड़ी कोई न कोई खबर आ जाती है. इसमें कुछ तकनीकी खराबी के होते हैं, तो कुछ मानवीय भूल लगते हैं. हालांकि, इन घटनाओं में कई सारे वारदात ऐसे भी प्रतीत होते हैं कि किसी ने जानबूझकर भारतीय रेलवे (Indian Railways) को बदनाम करने के लिए इन घटनाओं को अंजाम दिया है. रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने पहले ही ऐसी आशंका जताई है. अब रेलवे ने भी पिछले करीब 3 महीने में ऐसी 24 घटनाओं की लिस्ट जारी की है, जिसमें जानबूझकर ट्रेन दुर्घटनाओं की कोशिश की गई है.

जानबूझकर कराए जा रहे हैं रेल हादसे?

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रेलवे ने जो सूची जारी की है, उसमें 5 अप्रैल, 2023 से लेकर 9 सितंबर 2024 तक ऐसी 24 घटनाओं के बारे में बताए गया है, जब कुछ अराजक तत्वों ने ट्रेन हादसों की कोशिश की गई है. इसमें रेलवे ट्रैक पर पत्थर, लकड़ी, गैस सिलेंडर जैसी वस्तुओं को रखने, सिग्नल खराब करने और ट्रेन पर पथराव जैसी घटनाएं भी शामिल हैं. 

जांच में जुटी NIA

NIA ने उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में रसोई गैस सिलिंडर और अन्य विस्फोटक सामग्री रखकर कालिंदी एक्सप्रेस को पटरी से उतारने की कोशिश के मामले की सोमवार को जांच शुरू कर दी. पुलिस सूत्रों ने यहां बताया कि एनआईए की टीम ने आज दोपहर मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी. टीम ने दुर्घटनास्थल पर पहुंचकर रेल पटरी और उसके आसपास के इलाके का सर्वेक्षण किया.

पटरी पर रखा गैस सिलेंडर

कानपुर जिले में रविवार रात प्रयागराज से भिवानी जा रही कालिंदी एक्सप्रेस को पटरी से उतारने की कोशिश की गयी थी. इसके तहत अज्ञात लोगों ने पटरी पर रसोई गैस सिलिंडर रख दिया था. इसे देखकर चालक ने आपातकालीन ब्रेक लगा दी और सिलिंडर उससे टकराकर दूर जा गिरा. गनीमत रही कि सिलिंडर इंजन में फंसकर फटा नहीं, वरना बड़ा हादसा हो सकता था. घटनास्थल के पास क्षतिग्रस्त सिलिंडर के अलावा पेट्रोल से भरी बोतल और माचिस सहित कई संदेहास्पद चीजें भी बरामद की गई हैं. 

2 को लिया हिरासत में

कानपुर पश्चिम के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) राजेश कुमार सिंह के मुताबिक पुलिस ने इस सिलसिले में सोमवार को दो स्थानीय कुख्यात अपराधियों समेत छह लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है. इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 287 (आग या ज्वलनशील पदार्थ के संबंध में लापरवाही पूर्ण आचरण), 125 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाला कृत्य) और विस्फोटक अधिनियम, 1884 तथा रेलवे अधिनियम के प्रावधानों के तहत अज्ञात आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. 

ट्रेन हादसे की गहरी 'साजिश'

एक अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि ट्रेन को पटरी से उतारने की कोशिश भले ही नाकाम रही, लेकिन इसे अंजाम देने के लिए जो कार्यप्रणाली अपनायी गई थी उससे यह पता चलता है कि यह किसी ‘अकुशल’ व्यक्ति का काम था और यह किसी अंदरूनी व्यक्ति का काम भी हो सकता है.