भारतीय रेलवे की सबसे आधुनिक ट्रेन  Train 18 का ट्रायल 180 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से होगा. यह ट्रायल राजस्थान में कोटा से सवाई माधोपुर के बीच होगा. इस गाड़ी को तैयार करने में शामिल कुछ रेल अधिकारियों के अनुसार ये रेलगाड़ी 230 किलोमीटर प्रतिघंटा तक कि गति से चल सकती है, लेकिन पटरियों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए इस रेलगाड़ी को कम गति पर चलाया जाएगा. 

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कमिश्नर रेलवे सेफ्टी ने दी अनुमति

Train 18 के ट्रायल के लिए कमिश्नर रेलवे सेफ्टी की ओर से बरेली से मुरादाबाद के बीच और कोटा से सवाईमाधोपुर के बीच ट्रायल की अनुमति दी है. अगले सप्ताह से मुरादाबाद से बरेली के बीच इस गाड़ी का तकनीकी परीक्षण शुरू कर दिया जाएगा.

दिल्ली पहुंची टी-18 

देश की सबसे आधुनिक रेलगाड़ी train 18 बुधवार को दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन पर दिखाई गई. यहां पर रेलवे के मेंबर रोलिंग स्टॉक राजेश अग्रवाल ने भी गाड़ी का निरीक्षण किया. 

टी-18 की खूबियां

टी-18 ट्रेन में यूरोप में चलने वाली आधुनिक गाड़ियों की तरह तमाम खूबियां हैं. यह रेलगाड़ी देश की पहली ट्रेन सेट है. इसमें इंजन लगाने की जरूरत नहीं है. पहले कोच में ड्राइवर के लिए अलग केबिन है. प्लेटफॉर्म से गाड़ी में चढ़ने के लिए ट्रेन में एक ऐसा प्लेटफॉर्म दिया गया है जो अपने आप एडजस्ट हो जाता है. 

इस रेलगाड़ी का ऐरोडियानिमिक डजाइन इसकी स्पीड बढ़ाने की मदद करता है. गाड़ी में कुल 16 कोच हैं, जिनमें 2 एक्जीक्यूटिव क्लास के कोच हैं.

एक्जीक्यूटिव क्लास के डिब्बों में 52 सीटें और अन्य कोचों में 78 सीटें हैं. इस रेलगाड़ी को शताब्दी रेलगाड़ियों की जगह पर चलाया जाएगा. इस ट्रेन में सभी डिब्बों में आपातकालीन टॉक-बैक यूनिट्स (जिससे यात्री आपातकाल में ट्रेन के क्रू से बात कर सकें) दिया गया है, साथ ही सीसीटीवी लगाए गए हैं, ताकि सुरक्षित सफर हो. 

100 करोड़ की लागत

इंटीग्रल कोच फैक्ट्री के महाप्रबंधक सुधांशू मनी के अनुसार, Train 18 को विकसित करने में 100 करोड़ रुपये का खर्च आया है. इस गाड़ी को यदि बाहर से आयात किया जाता तो 200 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च आता है. इस गाड़ी में लगी सीटें 360 डिग्री तक घूम जाती हैं. वहीं इस गाड़ी में सेंसर लगे हैं जो गाड़ी में यात्रियों की संख्या के अनुसार गाड़ी के अंदर एसी का तापमान नियंत्रित करते हैं.