मोदी सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग ने इंडियन रेलवे को फास्‍ट बनाने के लिए जबरदस्‍त रणनीति बनाई है. अगर इंडियन रेलवे आयोग की रणनीति पर अमल करता है तो इससे मेल ट्रेनें भी Train 18 की तरह हवा से बातें करेंगी. उनकी स्‍पीड मौजूदा 60 किलोमीटर प्रति घंटा से बढ़कर 80 किलोमीटर प्रति घंटा हो जाएगी. नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक रेलवे को इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर बढ़ाने की रफ्तार को मौजूदा 7 किलोमीटर प्रतिदिन से बढ़ाकर 2022-23 तक 19 किलोमीटर प्रतिदिन करना होगा. 

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नए भारत के लिए रणनीति@75 रिपोर्ट में आयोग ने कहा कि 2022-23 तक ब्रॉड गेज का शत-प्रतिशत इलेक्ट्रिफिकेशन हासिल करना होगा. साथ ही इस दौरान माल गाड़ियों की औसत रफ्तार को 2016-17 के 24 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर प्रति घंटा और मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों की औसत रफ्तार को 60 किलोमीटर से बढ़ाकर 80 किलोमीटर प्रति घंटा करना होगा.

सरकारी शोध संस्थान ने कहा है कि रेलवे को किराये ढांचे और सब्सिडी को तर्कसंगत करना चाहिए और अपनी संपत्तियों के मौद्रिकरण से राजस्व जुटाना चाहिए. नीति आयोग ने नए भारत के लिए व्यापक राष्ट्रीय रणनीति का अनावरण करते हुए कहा कि रेलवे को अपने मूल्य ढांचे पर नए सिरे से विचार करना चाहिए, जिससे यात्री और माल ढुलाई खंड वह टिका रह सके. 

ढुलाई भाड़ा सड़क परिवहन की लागत के साथ प्रतिस्पर्धी होना चाहिए. इसमें कहा गया है कि 2022-23 तक भारत के पास ऐसा रेल नेटवर्क होना चाहिए जो न केवल दक्ष, विश्वसनीय और सुरक्षित हो बल्कि लागत दक्ष और पहुंच वाला भी हो. यह लोगों की आवाजाही से लेकर माल ढुलाई दोनों के लिए होनी चाहिए.

इनपुट एजेंसी से भी