घाटे में चल रही तेजस एक्सप्रेस के लिए आई गुड न्यूज, वित्त मंत्रालय का यह प्लान बढ़ाएगा ट्रेन का रेवेन्यू
Tejas Express: वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने एक ऑफिस मेमोरेंडम जारी किया है, जिसके मुताबिक, अब सरकारी अधिकारी अपने ऑफिशियल दौरे के लिए भी तेजस एक्सप्रेस से सफर कर सकेंगे.
Tejas Express: भारतीय रेलवे ने अपनी महत्वकांक्षी योजना के तहत देश में पहली बार तेजस एक्सप्रेस को लॉन्च किया था. बड़े धूमधाम से लॉन्च की गई इस प्राइवेट ट्रेन में लोगों को फ्लाइट जैसी सुविधाओं को देने का दावा किया गया था. लेकिन इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) द्वारा चलाई जा रही यह गाड़ी कोरोना महामारी के चलते घाटे में चल रही है. हालांकि, वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग (Department of Expenditure of Finance Ministry) ने तेजस ट्रेन को लेकर एक नया सर्कुलर जारी किया है, जिससे घाटे में चल रही इस गाड़ी को काफी फायदा हो सकता है. फाइनेंस मिनिस्ट्री के इस सर्कुलर के मुताबिक, अब सरकारी अधिकारी अपने ऑफिशियल दौरे पर भी तेजस ट्रेन (Tejas Express) से सफर कर सकेंगे.
तेजस से चल सकेंगे सरकारी अधिकारी
IRCTC की तेजस एक्सप्रेस देश की पहली प्राइवेट ट्रेन है. प्राइवेट ट्रेन (Private train in India) होने के कारण सरकारी अधिकारी अपने आधिकारिक दौरों के दौरान इसका इस्तेमाल नहीं करते थे. अब वित्त मंत्रालय ने एक सर्कुलर जारी कर इ बात की मंजूरी दे दी है कि आधिकारिक सरकारी दौरों में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है.
सरकार ने दी मंजूरी
IRCTC के तेजस एक्सप्रेस (Tejas Express) को सरकारी अधिकारियों द्वारा ऑफिशियल दौरे पर इस्तेमाल करने की मंजूरी देने के लिए वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने विचार किया, जिसके बाद सरकार ने इसकी मंजूरी दे दी. अब सरकारी कर्मचारी अपने दौरे, प्रशिक्षण, ट्रांसफर और रिटायरमेंट तक से जुड़े सफर के लिए तेजस एक्सप्रेस से सफर कर सकते हैं.
शताब्दी एक्सप्रेस जैसा मिलेगा ट्रीटमेंट
वित्त मंत्रालय के इस सर्कुलर में इस बात का भी जिक्र है कि तेजस एक्सप्रेस (Tejas Express) में यात्रा करने वाले पैसेंजर्स को उन्हीं सुविधाओं का फायदा मिलेगा, जो उन्हें शताब्दी एक्सप्रेस के दौरान मिलती है.
घाटे में चल रही तेजस एक्सप्रेस
IRCTC दो तेजस ट्रेनों (Tejas Express) को चलाता है, जिसमें से एक - नई दिल्ली से लखनऊ और दूसरी मुंबई से अहमदाबाद के बीच चलती है. रेल मंत्रालय ने हाल ही में संसद में एक जवाब में कहा था कि ये ट्रेनें पिछले दो वर्षों में कोरोना महामारी के दौरान मुनाफा नहीं कमा पा रही है. कोरोना महामारी के दौरान यह दोनों ट्रेनें लंबी अवधि के लिए नहीं चलीं और इनके फेरों में भी कम कर दी गई थी. जिसके चलते IRCTC ने इन ट्रेनों से कम रेवेन्यू हासिल किया था.
कितना हुआ घाटा
लखनऊ-दिल्ली मार्ग पर चलने वाली तेजस ट्रेन (Tejas Train) ने वर्ष 2019-20 के दौरान 2.33 करोड़ रुपये का लाभ कमाया था, जबकि 2020-21 और 2021-22 में इसे 16.69 करोड़ रुपये और 8.50 करोड़ रुपये का घाटा हुआ. इसी तरह, मुंबई-अहमदाबाद तेजस ट्रेन को वर्ष 2019-20, 2020-21 और 2021-22 में क्रमश: 2.91 करोड़ रुपये, 16.45 करोड़ रुपये और 15.97 करोड़ रुपये का घाटा हुआ.