वंदे भारत पर फिर हुई पत्थरबाजी, पत्थर लगने से चकनाचूर हुआ शीशा, सांसद चंद्रशेखर आजाद कर रहे थे सफर
Vande Bharat Train: 6 वाराणसी वंदे भारत एक्सप्रेस (नई दिल्ली – वाराणसी) पर पत्थर मारने से खिड़की का शीशा क्रैक हो गया है. वहीं, भीम आर्मी के चीफ और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद रावण ने सोशल मीडिया पर पत्थरबाजी की जानकारी दी है.
Vande Bharat Train: वंदे भारत ट्रेन पर पत्थरबाजी का सिलसिला रुक नहीं रहा है. रविवार को गाड़ी संख्या 22436 वाराणसी वंदे भारत एक्सप्रेस (नई दिल्ली – वाराणसी) पर कमालपुर - डाबर के बीच कोच C3 बर्थ 53/54 पर किसी के द्वारा पत्थर मारने से खिड़की का शीशा क्रैक हो गया है. RPF एस्कॉर्टिंग पार्टी के CT मोहित द्वारा सुबह 07.28 पर घटना की सूचना दी गयी. हालांकि, किसी यात्री की कोइ चोट आदि नहीं लगी है. भीम आर्मी के चीफ और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद रावण ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी है.
Vande Bharat Train: चंद्रशेखर आजाद ने सोशल मीडिया पर लिखा पोस्ट
सासंद चंद्रशेखर आजाद ने सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा, 'आज सुबह मैं वंदे भारत ट्रेन से दिल्ली से कानपुर की यात्रा कर रहा था. सुबह लगभग 7:12 बजे ट्रेन ने जैसे ही बुलंदशहर जिले के कमालपुर स्टेशन को पार किया, तभी बाहर से किसी असामाजिक तत्व ने पत्थर फेंके, जिससे मेरे से दो सीट आगे बैठे यात्री के पास का शीशा चकनाचूर हो गया. इस घटना से मैं हतप्रभ और स्तब्ध रह गया. इस घटना से न केवल सरकारी संपत्ति को क्षति पहुंची, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़ा हुआ है.'
Vande Bharat Train: 2022 में वंदे भारत ट्रेन में पत्थरबाजी की 1503 घटनाएं
चंद्रशेखर आजाद ने आगे लिखा, 'ऐसी घटनाएं निंदनीय हैं और किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं की जा सकतीं है. एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2022 में ऐसी घटनाओं का आंकड़ा 1503 तक पहुंच गया, जिससे रेलवे को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ. यह आंकड़ा सोचने पर मजबूर करता है कि आखिर इस तरह की घटनाएं बार-बार क्यों हो रही हैं. ट्रेन पर पथराव से न केवल संपत्ति को क्षति होती है, बल्कि यह यात्रियों के लिए जानलेवा भी साबित हो सकता है.'
Vande Bharat Train: रेलवे का संरक्षण सभी नागरिकों की जिम्मेदारी
चंद्रशेखर आजाद के मुताबिक, 'यह समझने की आवश्यकता है कि रेलवे देश की एक अमूल्य संपत्ति है और इसका संरक्षण देश के हम सभी नागरिकों की जिम्मेदारी है. समाज में इस तरह की हरकतें न केवल असुरक्षा की भावना पैदा करती हैं बल्कि हमारे देश की छवि को भी नुकसान पहुंचाती हैं. इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए केंद्रीय रेल मंत्री जी, रेलवे पुलिस और प्रशासन को सख्त कदम उठाने चाहिए, साथ ही समाज में जागरूकता भी फैलानी चाहिए.'