बजट 2019 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश की अर्थव्यवथा को 05 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है. वहीं देश के ढांचागत विकास के लिए बड़े पैमाने पर निवेश की बात कही गई है. इससे इस्पात उद्योग में काफी उत्साह है. क्योंकि हर तरह के ढांचागत विकास में इस्पात की जरूरत पड़ेगी.

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बुनियादी ढांचा योजनाओं में होगा बड़ा निवेश

बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए स्टील एथॉरिटी ऑफ इंडिया के अध्क्ष अनिल कुमार चौधरी ने कहा कि सरकार की तरफ से बुनियादी ढांचा योजनाओं में हर साल करीब 20 लाख करोड़ रुपये के निवेश पर बल दिया गया है, जो निश्चित रूप से इस्पात की खपत को बढ़ाने में मददगार साबित होगा, इससे न केवल देश में इस्पात उद्योग बल्कि सहयोगी उद्योगों को काफी मजबूती मिलेगी. सरकार ने अगले 5 वर्षो में 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य तय किया है, जो भारत की अर्थव्यवस्था को और मजबूत करने का काम करेगा.

रेलवे में भी बड़े पैमाने पर

सरकार ने अपने बजट में 2030 तक रेलवे के ढांचागत विकास को बेहतर करने के लिए करीब 50 लाख करोड़ रुपये की ज़रूरत बताई है. इसके साथ ही सरकार ने सड़क परिवहन को और अधिक सुदृढ़ करने पर बल दिया है. सरकार ने इस बजट में इंडस्ट्रियल कॉरीडोर, डेडीकेटेड फ्रेड कॉरीडोर, भारतमाला, सागरमाला, उड़ान और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना जैसी परियोजनाओं में और अधिक निवेश के संकेत दिये हैं. सरकार ने इस बजट में बिजली आपूर्ति को मिशन मोड में लिया है तथा "वन नेशन और वन ग्रिड" का लक्ष्य तय किया है. इससे निश्चित ही देश की बड़ी परियोजनाओं और निर्माणों में इस्पात की खपत में एक बड़ी बढ़ोत्तरी होगी.

लोगों को घर उपलब्ध कराने में भी बढ़ेगी स्टील की खपत

इस बजट में सरकार का फोकस प्रधानमंत्री आवास योजना - शहरी और ग्रामीण के तहत लोगों को आवास देने, जल जीवन मिशन के तहत हर घर तक जल पहुंचाने और एलपीजी गैस की आपूर्ति सुनिश्चित करने पर है, इससे न केवल शहरों में बल्कि गांवों में भी इस्पात खपत में तेजी आएगी.