Rapid Rail: दुहाई से मोदीनगर नॉर्थ तक के दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ RRTS कॉरिडोर के 17 किमी लंबे अतिरिक्त सेक्शन का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) बुधवार को उद्घाटन करेंगे. नमो भारत ट्रेन को प्रधानमंत्री मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुरादनगर RRTS स्टेशन पर हरी झंडी दिखाएंगे. इसके साथ ही दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ RRTS कॉरिडोर पर प्रायोरिटी सेक्शन से आगे दुहाई से मोदीनगर नॉर्थ तक का 17 किमी लंबा अतिरिक्त सेक्शन नमो भारत ट्रेनों (NAMO Bharat Trains) के परिचालन के लिए तैयार हो जाएगा.

साहिबाबाद से मोदीनगर नॉर्थ तक होंगे 8 स्टेशन

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इस सेक्शन में मुरादनगर, मोदी नगर साउथ और मोदी नगर नॉर्थ तीन स्टेशन शामिल हैं. इस सेक्शन के उद्घाटन से नमो भारत सेवाएं दिल्ली-मेरठ RRTS कॉरिडोर पर 34 किमी के सेक्शन पर निर्बाध रूप से उपलब्ध हो जाएंगी, जिसमें साहिबाबाद से मोदीनगर नॉर्थ तक कुल आठ स्टेशन होंगे.

2019 में पीएम मोदी ने रखी थी आधारशिला

दिल्ली को मेरठ से जोड़ने वाले भारत के प्रथम RRTS कॉरिडोर की आधारशिला मार्च 2019 में प्रधानमंत्री मोदी ने रखी थी. इसके 17 किमी लंबे प्रायोरिटी सेक्शन को अक्टूबर 2023 में प्रधानमंत्री मोदी ने यात्री परिचालन के लिए हरी झंडी दिखाई थी.

एयरपोर्ट, मेट्रो-रेल स्टेशन से जोड़े जाएंगे RRTS

पीएम गतिशक्ति (PM GatiShakti) राष्ट्रीय मास्टर प्लान के अनुरूप, RRTS स्टेशनों को हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों, मेट्रो स्टेशनों, ISBT और सिटी बस स्टॉप के साथ सहजता से एकीकृत किया जा रहा है, जिससे सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों का एक नेटवर्क तैयार किया जा रहा है. क्षेत्रीय गतिशीलता के लिए इस परिवर्तनकारी दृष्टिकोण का उद्देश्य आर्थिक गतिविधियों को विकेंद्रीकृत करना, रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच में सुधार करना और यातायात की भीड़ और वायु प्रदूषण को कम करना है.

160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती है नमो भारत

RRTS, एक अत्याधुनिक रेल-आधारित यातायात प्रणाली है, जिसके तहत चलने वाली नमो भारत (NAMO Bharat) ट्रेनों की डिजाइन गति 180 किमी प्रति घंटा और परिचालन गति 160 किमी प्रति घंटा है. RRTS कॉरिडोर, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में दूरियों को घटाने, समुदायों और गंतव्यों को करीब लाने के उद्देश्य से तैयार किया जा रहा है.

82 किमी लंबा दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ RRTS कॉरिडोर, दिल्ली और मेरठ के बीच यात्रा के समय को घटाकर एक घंटे से भी कम कर देगा. गाजियाबाद, मुरादनगर और मोदीनगर जैसे शहरी केंद्रों से गुजरते हुए, यह परियोजना रीजनल परिवहन में क्रांति लाने वाली है.