Rapid Rail: ₹2 में होगा 1KM का सफर, ट्रेन में मिलेगा स्ट्रेचर, दिव्यांगों का भी पूरा खयाल, जानिए और क्या है खास
Rapid Rail: दिल्ली से मेरठ के बीच चलने वाली रैपिड रेल का पहला कॉरिडोर अगले तीन हफ्ते में पूरा हो जाएगा, जिसके बाद साहिबाबाद से दुहाई डिपो के बीच लोग देश की पहली रैपिड रेल का सफर कर पाएंगे.
Rapid Rail: देश की पहली रैपिड ट्रेन अगले 3 हफ्ते में गाजियाबाद के साहिबाबाद से दुहाई डिपो तक चलने के लिए तैयार है. इसमें पैसेंजर्स को हवाई जहाज जैसी शानदार सर्विस मिलने वाली है. बता दें कि दिल्ली से मेरठ के बीच रैपिड ट्रेन 2025 तक शुरू हो जाएगी. इस पूरे रेलवे कॉरिडोर को 3 खंड में पूरा किया जाना है. इसक पहला खंड साहिबाबाद से दुहाई डिपो के बीच 17 किलोमीटर लंबा है. इस खंड पर रैपिड रेल को अगले महीने से यात्रा के लिए शुरू किया जाना है. इस खंड पर ट्रैक बनाने का कार्य पूरा हो गया है और अब ओवरहेड इक्विपमेंट लाइन के इंस्टालेशन का कार्य भी लगभग पूरा हो गया है. आइए जानते हैं क्यों इतनी खास है ये नई रैपिड रेल.
8 लाख पैसेंजर्स रोज करेंगे ट्रैवल
दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस), केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार का 30,274 करोड़ रुपये का एक संयुक्त उद्यम है.
हाल ही में मीडिया से बातचीत में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) के एमडी विनय कुमार सिंह ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि लगभग 8 लाख यात्री प्रतिदिन इस रैपिड रेल से यात्रा करेंगे.
साहिबाबाद से दुहाई तक 17 किमी लंबे प्राथमिकता वाले खंड के लिए वास्तुकला और डिजाइन के काम को पांच स्टेशनों साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो को अंतिम रूप दिया गया है. निर्माण कार्य उन्नत अवस्था में है. कोविड-19 ने सभी गतिविधियों पर ब्रेक लगा दिया था इससे रैपिड रेल का काम भी प्रभावित हुआ, लेकिन तय वक्त पर यात्रियों के लिए तैयार कर ली जाएगी.
2 रुपये प्रति किमी पर होगी यात्रा
डीपीआर के अनुमान के मुताबिक, ट्रेन में किराया करीब 2 रुपये प्रति किमी होगा. बाद में किराया बढ़ाने का अधिकार निजी एजेंसी को नहीं होगा. मेट्रो की तरह किराया कमेटी ही तय करेगी, जो जज की अध्यक्षता में बनती है. दिल्ली मेट्रो की सात लाइनों पर रैपिड लाइन की कनेक्टिविटी होगी. इसे मुनिरका, आईएनए और एरोसिटी से जोड़ा जाएगा.
इन स्टेशनों से गुजरेगी रैपिड रेल
अगले महीने से यह दुहाई डिपो से साहिबाबाद के बीच यात्रियों के लिए 180 किमी प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ने लगेगी. इस रूट पर 5 स्टेशन होंगे, जिसमें साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो हैं. इस यात्रा के दौरान यात्री यहां पर मोबाइल और कार्ड के माध्यम से भी टिकट खरीद सकेंगे.
रैपिड रेल में मिलेगी स्ट्रेचर की सुविधा
खास बात ये है कि रेल कोच के आखिरी डिब्बे में स्ट्रेचर का इंतजाम किया गया है. अगर किसी मरीज को मेरठ से दिल्ली रेफर किया जाता है तो इसके लिए एक अलग कोच की व्यवस्था है, ताकि कम कीमत में मरीज को पहुंचाया जा सके. इसके साथ महिलाओं के लिए अलग कोच की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा दिव्यांगों के लिए अलग सीट्स तैयार की गई है, जिन्हें इस्तेमाल न होने की सूरत में मोड़ा जा सकेगा.
रैपिड ट्रेन की खासियत
हालांकि ट्रेन यात्रा का समय केवल 55 मिनट का होगा, लेकिन सीटें बेहद आरामदायक बनाए गए हैं. ट्रेन में एडजेस्टेबल चेयर है इसके साथ ही खड़े होने वाले यात्रियों के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं. ट्रेन में वाईफाई की सुविधा, मोबाइल-यूएसबी चार्जर, बड़ी-बड़ी खिड़कियां, इंटेग्रेटेड एसी सिस्टम, ऑटोमेटिक डोर कंट्रोल सिस्टम, समान रखने की जगह, ड्राइवर से बातचीत के लिए सिस्टम, डायनेमिक रुट मैप, इंफोटेंटमेंट सिस्टम जैसी तमाम सुविधाएं यात्रियों को रैपिड रेल के कोच में देखने को मिलेंगी. सीसीटीवी, ऑटोमेटिंग दरवाजे जैसे तमाम हाईटेक फीचर्स रैपिड रेल में मौजूद है.
2024 तक पूरा होगा दूसरा फेज
वहीं दूसरा फेज साहिबाबाद से मेरठ तक का होगा. यह फेज मार्च 2024 तक पूरा होगा. इसके बाद अंतिम फेज मेरठ के मोदीपुरम से दिल्ली के सराय काले खां तक होगा. इस फेज का काम 2025 तक शुरू हो जाएगा. दुहाई यार्ड में 13 ट्रेनों को खड़े करने की व्यवस्था है इसलिए प्रथम चरण में 13 रैपिड ट्रेनों के ही संचालन की तैयारियां की जा रही हैं, जबकि दिल्ली से मेरठ के बीच पूरे रुट के निर्माण के बाद कुल 30 रैपिड ट्रेनों को चलाने की तैयारी है.
गाजियाबाद के दुहाई यार्ड में रैपिड रेल कॉरिडोर का ऑपरेशन एंड कमांड कंट्रोल सेंटर तैयार किया जा रहा है. कुछ सप्ताह में शुरू होने वाले प्रथम चरण के साथ ही पूरे रूट पर दौड़ने वाली सभी रैपिड ट्रेनों का संचालन और नियंत्रण इसी ऑपरेशंस सेंटर से कमांड किया जाएगा. दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर परियोजना का मकसद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की भीड़भाड़ को कम करना है. इसके अलावा, वाहनों के यातायात और वायु प्रदूषण पर लगाम कसना और संतुलित क्षेत्रीय विकास सुनिश्चित करना है.
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