Railway Rules: दिल्ली सहित भारत के कई हिस्सों में इस समय कड़ाते की सर्दी हो रही है. ऐसे में अगर आप ट्रेन के स्लीपर कोच से हाल-फिलहाल में सफर करने वाले हैं, तो आपको काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. लेकिन क्या आपको पता है कि स्लीपर कोच में ट्रेन टिकट बुक करने के बावजूद आप AC कोच में सफर कर सकते हैं. हालांकि ये सुविधा सभी पैसेंजर्स के लिए नहीं है. IRCTC अपने कस्टमर्स को इसके लिए एक खास सुविधा - ऑटो अप्रगेडेशन स्कीम देती है. आइए जानते हैं इस स्कीम के बारे में सबकुछ.

क्या है ये स्कीम

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दरअसल ट्रेन के अपर क्लास कोच- जैसे AC1, AC2 अपने महंगे किराए के कारण कई बार खाली रह जाते हैं. ऐसे में इन बर्थ के खाली जाने से रेलवे को काफी नुकसान उठाना पड़ता था. इसके बाद काफी सोच-विचार कर रेलव ने इस ऑटो अपग्रेड स्कीम को लॉन्च किया, जिसमें अपर क्लास में कोई बर्थ खाली रह जाने पर एक क्लास नीचे वाले पैसेंजर को उस क्लास में अपग्रेड कर दिया जाता है. 

कैसे काम करती है ये स्कीम

इस स्कीम को हम ऐसे समझ सकते हैं कि मान लीजिए एक ट्रेन के फर्स्ट एसी में 4 सीट खाली है और सेकेंड एसी में 2 सीट खाली है, तो सेकेंड एसी के कुछ पैसेंजर्स का टिकट अपग्रेड कर उन्हें फर्स्ट एसी में डाल दिया जाएगा और सेकेंड एसी में थर्ड एसी के पैसेंजर्स को अपग्रेड कर दिया जाएगा. इसके बाद थर्ड एसी में कुछ सीटें खाली हो जाएंगी, जिसमें थर्ड एसी में वेटिंग लिस्ट वाले पैसेंजर्स को जगह मिल जाएगी. इस तरह से ट्रेन के किसी कोच की बर्थ खाली नहीं जाएगी.

किसका टिकट होता है अपग्रेड

टिकट बुक करते समय IRCTC आपसे एक ऑप्शन में पूछ लेती है कि क्या आप अपने टिकट पर ऑटो अपग्रेड के लिए तैयार हैं. अगर आप हां का ऑप्शन चुनते हैं तो आपका टिकट अपग्रेड होगा और नहीं चुनते हैं तो नहीं होगा. अगर पैसेंजर कोई ऑप्शन नहीं चुनता है, तो इसे हां माना जाएगा. 

क्या आपका PNR बदल जाएगा

किसी पैसेंजर का टिकट अपग्रेड होने पर उसके PNR में कोई बदलाव नहीं होता है. अपनी यात्रा से जुड़े किसी भी तरह की जानकारी के लिए वह अपने मूल PNR का ही इस्तेमाल करेगा. वहीं, अगर टिकट अपग्रेड होने के बाद वह अपनी टिकट कैंसिल कराता है, तो उसे अपने मूल टिकट के हिसाब से रिफंड मिलेगा, न कि अपग्रेडेड क्लास के हिसाब से.