Railway Rules: ट्रेन में अक्सर लंबी यात्रा के दौरान सामान की चोरी होने का डर यात्रियों को सबसे ज्यादा सताता है. खासकर कई बार यात्री नींद में होते हैं और चोर सामान पर हाथ साफ कर देते हैं. ऐसे में यदि आपको चिंता सता रही है कि ट्रेन का दरवाजा खुला है और कोई अंदर आकर आपका सामान चोरी कर लेगा तो इस बात को दिमाग से निकाल दें. दरअसल ट्रेन के गेट बंद हो ये सुनिश्चित करना टीटीई का काम है. जी हां रेलवे मैन्युअल के मुताबिक सफर के दौरान टीटीई की जिम्मेदारी न सिर्फ टिकट चेक करना है बल्कि गेट बंद करने की भी जिम्मेदारी है.  

रेलवे मैनुअल के मुताबिक ट्रेन के टीटीई की ये होती हैं जिम्मेदारी 

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रेलवे मैनुअल के मुताबिक टीटीई की जिम्मेदारी है कि वह ट्रेन का उसी तरफ के दरवाजे को खोला रखें, जिस तरफ से प्लेटफॉर्म आ रहा है. वहीं, दूसरी तरफ वाला गेट बंद होना चाहिए ताकि कोई अनावश्यक व्यक्ति ट्रेन में सवार न हो सके. ट्रेन यदि एक बार चल गई है तो गेट को बंद करने की जिम्मेदारी भी टीटीई की होती है. इसके अलावा अगर कोई ट्रेन के बाहर लटक रहा है तो उसे वापस सीट पर बुलाने की जिम्मेदारी भी टीटीई की होती है.

ट्रेन में सामान चोरी होने पर जानिए कहां पर कर सकते हैं शिकायत

चलती हुई ट्रेन से यदि सामान की चोरी, डकैती होती है तो आप ट्रेन कंडक्टर, कोच अटेंडेंट, गार्ड आदि से शिकायत कर सकते हैं. इन सभी से आप एफआईआर फॉर्म ले सकते हैं. इस फॉर्म को भरने के बाद आप इन्हें सौंप दे. इसके बाद आपकी शिकायत पुलिस स्टेशन को फॉरवर्ड कर दी जाएगी. इसके अलावा आप रेलवे पुलिस फोर्स यानी आरपीएफ के असिस्टेंस पोस्ट पर भी अप्रोच कर सकते हैं, जो अधिकतर रेलवे स्टेशन पर होते हैं. यहां पर आपको शिकायत दर्ज करने से संबंधित सभी मदद मिलेगी.   

आपको बता दें कि ट्रेन में सामान की चोरी के लिए आप अंग्रेजी, हिंदी या दूसरी भारतीय भाषाओं में एफआईआर दर्ज कर सकते हैं. फॉर्म भरने के बाद आप इसे टीटीई, गार्ड या फिर GRP एस्कॉर्ट को ये सौंप सकते हैं ताकि वह नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करा सकें. रेलवे की वेबसाइट के मुताबिक रेलवे के किसी भी अधिकारी को आपको रिश्वत देने की कोई जरूरत नहीं है. इसके अलावा आपको यदि टीटी की शिकायत करनी है तो 139 नंबर पर शिकायत कर सकते हैं.