Indian Railway: भारतीय रेलवे ने अपने बाकी बचे प्रिंटिंग प्रेस को बंद करने का निर्णय लिया है साथ ही उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में इसका ठेका प्राइवेट वेंडर्स को दिया जाएगा.यह निर्णय डिजिटल इंडिया की तरफ एक और कदम बढ़ाते हुए लिया है. प्राइवेट वेंडर्स को दिया जाएगा ठेका वर्ष 2017 में रेल मंत्री पीयूष गोयल के समय ऐसा निर्णय लिया गया था जिसमे रेलवे द्वारा संचालित प्रिंटिंग प्रेस को बंद करने की संभावना जताई जा रही थी. जिसके बाद प्रिंटिंग का सारा ठेका प्राइवेट वेंडर्स को दिया जाएगा, जिसके बाद प्रिंटिंग प्रेस को बंद करने की तैयारी की गई और अब जाकर बाकी बचे प्रिंटिंग प्रेस को बंद करने का फैसला लिया गया है. 9 प्रिंटिंग प्रेस बंद करने का लिया गया फैसला रिपोर्ट्स के मुताबिक रेल मंत्रालय ने कई कोशिशों के बाद 14 प्रिंटिंग प्रेस में से 9 प्रिंटिंग प्रेस बंद करने के फैसले लिए और बाकी बचे 5 प्रिंटिंग प्रेस को अपने नियंत्रण में रखा जिसे अब इन्हें बंद करने का फैसला रेलवे ने लिया है. कई प्रिंटिंग प्रेस को बंद कर लिया गया फैसला हाल के दिनों में रेलवे ने अपने आदेश में कहा कि भायखला मुंबई, हावड़ा, शकूरबस्ती-दिल्ली, रोयापुरम चेन्नई और सिकंदराबाद में रेलवे के प्रिंटिंग प्रेस को बंद करने का फैसला किया है जिसके 4 जून 2019 के पत्र में प्रेस को बंद करने की बात कही गई थी. भविष्य में कैसे छापे जायेंगे टिकट? सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अब इसके लिए टेंडर निकाले जाएंगे. जिसके साथ इन प्रिंटिंग प्रेस में छपने वाले टिकट और अन्य सामग्री तैयार करने के लिए ठेकेदार को कॉन्ट्रैक्ट दिए जायेंगे. रिपोर्ट्स के अनुसार अब रेलवे सिर्फ ट्रेनों के परिचालन पर फोकस रखना चाहती हैं और अतिरिक्त भोज को कॉन्ट्रैक्ट पर देकर काम कम करना चाहती हैं. किस मोड़ में टिकट सबसे ज्यादा बिक रहे हैं? आला अधिकारियों की माने को सबसे ज्यादा रिजर्व टिकट मौजूदा समय में ई टिकटिंग के जरिए बुक किए जाते हैं.. जिसके साथ करीब 81 फीसदी टिकट्स ई-टिकटिंग के जरिए डिजिटली बुक किए जाते हैं .. इसका सीधा असर करीब 900 रेल कर्मचारियों पर दिखेगा क्या कहते हैं आंकड़े ? आंकड़ों की माने रेलवे में मार्च में 2.75 अनरिजर्व्ड टिकट अनारक्षित टिकट प्रणाली (UTS) से बुक किए गए थे. इससे कदम से खिड़की टिकट की बिक्री बंद नहीं होगी लेकिन इसपर हल्का हो जायेगा