देशभर में आज यानी एक जुलाई 2024 से तीन नए आपराधिक कानून- भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) लागू हो गए हैं. ये अंग्रेजों के जमाने के इंडियन पीनल कोड (आईपीसी) और क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (CRPC) की जगह लेंगे. कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया है कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर एक विक्रेता पर नए कानूनों के तहत पहली एफआईआर दर्ज की गई है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर इस पर सवाल उठाए हैं. अब रेलवे ने इसकी सच्चाई बताई है.

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर किया पोस्ट, रेलवे ने कहा- 'गलत खबर न फैलाएं'

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कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, 'भारतीय न्याय संहिता 2023 के तहत पहली एफआईआर पहले ही दर्ज की जा चुकी है. यह दिल्ली पुलिस द्वारा एक रेहड़ी-पटरी वाले के खिलाफ बाधा डालने के आरोप में दर्ज की गई है, जब वह नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के एक फुट-ओवर ब्रिज के नीचे अपनी दैनिक आजीविका कमा रहा था. जयराम रमेश के पोस्ट पर रेलवे ने जवाब दिया, 'सर गलत खबर न फैलाएं. रेलवे देश की सेवा के लिए 24 घंटे, सातों दिन और 12 महीने प्रतिबद्ध है.

 

स्टेशन हाउस ऑफिसर ने कहा- 'नहीं दर्ज हुई है कोई एफआईआर'

रेलवे ने X पर एक फोटो पोस्ट की है. इसमें नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर ने कहा है, '  नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के फुट-ओवर ब्रिज के नीचे लोगों के मार्ग में बाधा डालने के लिए किसी भी स्ट्रीट वेंडर के खिलाफ नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पुलिस स्टेशन पर कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है.'  गौरतलब है कि मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि दिल्ली पुलिस ने कमला मार्केट इलाके में एक रेहड़ी-पटरी वाले के खिलाफ नए आपराधिक कानून ‘भारतीय न्याय संहिता’ के प्रावधानों के तहत रविवार देर रात को पहली प्राथमिकी दर्ज की. 

भारतीय न्याय संहिता की धारा 285 के तहत दर्ज हुआ है मामला 

रेहड़ी पटरी वाले के खिलाफ प्राथमिकी ठेले पर पानी और तम्बाकू उत्पाद बेचकर सार्वजनिक मार्ग अवरुद्ध करने के आरोप में दर्ज की गई है. प्राथमिकी बीएनएस की धारा 285 के तहत दर्ज की गई है. इस धारा में कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति ‘किसी भी कार्य को करने या अपने कब्जे में या अपने प्रभार के तहत किसी भी संपत्ति को व्यवस्थित करने में चूक करता है जिससे किसी सार्वजनिक मार्ग पर किसी व्यक्ति को खतरा होता है, अवरोध पैदा होता है या चोट लगती है, तो उसे 5,000 रुपये तक के जुर्माने से दंडित किया जाएगा.’