Railway Interesting Facts: पैसेंजर ट्रेन में क्यों होते हैं सिर्फ 24 कोच? जबकि माल गाड़ी में लगते हैं 50 डिब्बे
Railway Interesting Facts: क्या आपको पता है कि ट्रेन में पैसेंजर्स की भीड़ होने के बावजूद रेलवे अधिकतम 24 डिब्बों के साथ ही सफर क्यों करती है? आइए जानते हैं इसका जवाब.
Railway Interesting Facts: ट्रेन से सफर तो हम सभी करते हैं, लेकिन फिर भी रेलवे से जुड़ी ऐसी कई सारी छोटी बड़ी बातें हैं, जो हमें अक्सर नहीं पता होती हैं. पैसेंजर्स की सेफ्टी और सहूलियत का ख्याल रखते हुए, रेलवे (Indian Railways) हर छोटी बड़ी चीजों को बहुत ही ध्यान से करती है. जैसे किसी पैसेंजर ट्रेन (Passenger Train) में अधिकतम 24 डिब्बे ही लगे होते हैं. इसमें कम से कम 3 डिब्बों के साथ भी ट्रेन चल देती है, लेकिन रेलवे 24 डिब्बों से अधिक कोच के साथ सफर नहीं करती है. क्या आपको इसका सही कारण पता है. अगर आप इसका कारण ये समझते हैं कि इसका ट्रेन के इंजन की क्षमता से कोई लेना-देना है, तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. दरअसल इसमें पैसेंजर्स की सहूलियत और सिक्योरिटी बहुत ही अहम होती है.
ट्रेन में क्यों नहीं लगते 24 से अधिक डिब्बे?
किसी पैसेंजर ट्रेन (Passenger Train) में 24 से अधिक डिब्बे क्यों नहीं लगाए जाते हैं, इसका सीधा नाता लूप लाइन से जुड़ा होता है. ऐसे में हमें पहले ये समझना होगा कि आखिर ये लूप लाइन क्या होते हैं? दरअसल रेलवे में जिस ट्रैक पर ट्रेन आती और जाती है, उसे मेन लाइन (Main Line) कहते हैं. इसके अलावा ट्रेन को जब किसी दूसरी ट्रेन को रास्ता देना होता है, या बीच रास्ते में कही सेफ गाड़ी खड़ा करना होता है, तो जिस साइड लाइन पर ट्रेन को खड़ा करते हैं, उसे लूप लाइन (Loop Line) कहते हैं. ऐसे में किसी भी पैसेंजर ट्रेन को लूप लाइन से बड़ा नहीं होना चाहिए.
क्या है लूप लाइन का गणित
रेलवे के नियमों (Indian Railways Rules) के मुताबिक, कोई लूप लाइन 650 से 750 मीटर तक लंबा होता है. ऐसे में किसी पैसेंजर ट्रेन को अगर लूप लाइन में आना है, तो उसे इससे अधिक लंबा नहीं होना चाहिए. आपको बता दें कि आमतौर पर ट्रेन का एक कोच करीब 25 मीटर का होता है. ऐसे में अगर ट्रेन में 24 डिब्बे लगाए जाते हैं, तो ये आसानी से 650 मीटर से कम लंबाई वाली ट्रेन होगी.
क्यों जरूरी है लूप लाइन
रेलवे ट्रैक पर कई तरह की गाड़ियां चलती हैं. इसमें कुछ अधिक प्रायोरिटी वाली हैं, जबकि कुछ गाड़ियां कम प्रायोरिटी वाली. जैसे किसी राजधानी एक्सप्रेस (Rajdhani Express) को रास्ता देने के लिए किसी पैसेंजर एक्सप्रेस (Passenger Express) को राक जा सकता है. ऐसे ही कई बार कुछ गाड़ियों को बीच रास्ते में रोका जा सकता है. इस स्थिति में इन गाड़ियों को मेन लाइन से हटाकर लूप लाइन पर डाला जाता है, जिससे कि दूसरी गाड़ियों को जाने के लिए रास्ता मिल सके.
मालगाड़ी में क्यों होते हैं अधिक डिब्बे
किसी मालगाड़ी के कोच की लंबाई की बात करें, तो अलग-अलग स्तिथि में ये 11 से 15 मीटर के बीच होती है. ऐसे में इन मालगाड़ियों में रेलवे (Indian Railways) 40 से 40 डिब्बे तक बड़ी ही आसानी से लगा लेती है.