Railway Employees pay structure revision: नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमेन (NFIR) ने पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को लेटर लिखकर केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन ढांचे (Pay Structure) में संशोधन की मांग की है. फेडरेशन ने इस लेटर में कहा कि 7वें केंद्रीय वेतन आयोग (CPC) की सिफारिश 1 जनवरी 2016 से लागू की गई थी, जिसमें न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये प्रति माह तय किया गया था. 

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NFIR के जनरल सेक्रेटरी एम राघवैया द्वारा लेटर में कहा गया है, "रिवाइज्ड पे स्ट्रक्चर लागू होने की तारीख से लगभग 8 साल बीत चुके हैं. हालांकि, भारत सरकार ने अभी तक पे स्ट्रक्चर या 8वें केंद्रीय वेतन आयोग की स्थापना पर विचार नहीं किया है."

10 साल का इंतजार जरूरी नहीं

फेडरेशन ने अपने लेटर में पीएम मोदी को 7thCPC की सिफारिशों का भी ध्यान दिलाय. इन सिफारिशों में ये भी कहा गया था कि मैट्रिक्स की समीक्षा समय-समय पर की जा सकती है, इसके लिए 10 साल की लंबी अवधि का इंतजार करना जरूरी नहीं है. आयोग ने कहा कि था कि मैट्रिक्स की समीक्षा और इसमें संशोधन एक्रोयड फॉर्मूले के आधार पर किया जा सकता है. जो आम आदमी के बास्केट बनाने वाली वस्तुओं की कीमतों में हुए बदलावों को ध्यान में रखता है. इसकी समीक्षा शिमला में मौजूद श्रम ब्यूरो समय-समय पर करता है.

फेररेशन ने कहा कि 2016 की तुलना में खाने-पीने की वस्तुओं सहित कई सारी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में भारी इजाफा हुआ है. इसकी भरपाई के लिए सरकार को न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी और केंद्र सरकार के सभी कैटेगरी के कर्मचारियों के लिए समान रूप से संशोधित वेतन संरचना प्रदान करने की आवश्यकता है.

कितनी मिलनी चाहिए मिनिमम वेतन

डॉ. अकरोयड फॉर्मूले के अनुसार और विभिन्न वस्तुओं की कीमतों के आधार पर, 1 जुलाई 2023 को केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन 32500 रुपये प्रति माह से कम नहीं होना चाहिए, जबकि वर्तमान में कर्मचारी को बुहत कम न्यूनतम वेतन दिया जा रहा है. वर्तमान में न्यूनतम वेतन 18000 रुपये प्रति माह में वेतन का 46% महंगाई भत्ता जोड़ने के बाद भी यह बहुत कम है.

इसमें कहा गया है, "NFIR भारत के माननीय प्रधान मंत्री से अनुरोध करता है कि वह केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन ढांचे में संशोधन और 7वें केंद्रीय वेतन आयोग की विशिष्ट सिफारिश के आधार पर न्यूनतम वेतन में संशोधन के लिए कार्रवाई करने के लिए हस्तक्षेप करें."