Railway Eastern Dedicated Freight Corridor: रेलवे का ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (EDFC) 100 फीसदी बन कर तैयार हो गया है. ईडीएफसी पंजाब के लुधियाना से पश्चिम बंगाल के सोननगर तक जाता है. ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कुल 1337 किलोमीटर का है. EDFC  51 हजार करोड़ रुपए की लागत से तैयार  हुआ है. इसके रूट पर कोयला खदानें, थर्मल पॉवर प्लांट और औद्योगिक शहर मौजूद हैं. इस रूट पर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार शामिल हैं. इस परियोजना का अधिकांश हिस्सा विश्व बैंक द्वारा फाइनेंस किया गया है.  

Railway Eastern Dedicated Freight Corridor: कोयले की जल्दी होगी आपूर्ती, रोजाना चलेगी 140 मालगाड़ियां

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ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के जरिए पॉवर हाउसों को कोयले की आपूर्ति जल्दी मिलेगी. हर रोज 140 माल गाड़ियां ईडीएफ़सी पर चलेंगी. इसमें 70 फीसदी मालगाड़ियां कोयले की हैं. पंजाब हरियाणा यूपी और दिल्ली के पॉवर प्लांटों को इसका लाभ मिलेगा. वहीं, वेस्टर्न कॉरिडोर अभी 70% बन चुका है जो इसी वित्त वर्ष में 95 फीसदी तक बनकर तैयार हो जाएगा. आपको बता दें कि डेडीकटेड फ्रेट कॉरिडोर हाई स्पीड और उच्च क्षमता वाले विश्वस्तरीय तकनीक के अनुसार बनाया जाने वाला रेलमार्ग हैं.

Railway Eastern Dedicated Freight Corridor: 70 फीसदी गाड़ियां हो जाएंगी ट्रांसफर 

भारतीय रेल नेटवर्क पर चलने वाली लगभग 70 प्रतिशत मालगाड़ी डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर ट्रांसफर कर दी जाएगी. जिससे यात्री ट्रेनों को अपने रूट पर ज्यादा ट्रैफिक नहीं मिलेगा. इससे पैसेंजर ट्रेनें समय पर अपनी मंजिल पर पहुंच जाएगी. डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर रेल लाइन को भारतीय रेल की लाइनों की तुलना में ज्यादा भार उठाने के लिए डिजाइन किया गया है. ये व्यावसायिक और व्यापारिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है. 

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नए डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर रेल रूट से भारतीय रेल की मुख्य लाइनों पर ज्यादा गाड़ियां चलाई जा सकेंगी, जिससे भारतीय ट्रेनें पहले की तुलना में समयबद्ध हो सकेंगी. आपको बता दें कि वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर 1504 किलोमीटर लंबा है. ये जवाहरलाल नेहरू पोर्ट टर्मिनल (महाराष्ट्र) से दादरी (उत्तर प्रदेश) तक है. साथ ही ये देश के कई प्रमुख बंदरगाहों से गुजरता है.