RAC in Garib Rath: गरीब रथ एक्सप्रेस में अब नहीं मिलेगी RAC सीट, अब सिर्फ कन्फर्म सीट के साथ ही सफर कर पाएंगे यात्री
RAC in Garib Rath: कम किराये में एसी सफर का आनंद प्रदान करने वाली देश की चर्चित ट्रेन गरीब रथ एक्सप्रेस (Garib Rath Express) में यात्रियों को अब RAC सीट नहीं मिलेगी. गरीब रथ ट्रेन में RAC टिकट के साथ यात्रा करने वाले यात्रियों से लगातार मिल रही शिकायतों के बाद रेलवे बोर्ड (Railway Board) ने ये बड़ा फैसला किया है.
RAC in Garib Rath: कम किराये में एसी सफर का आनंद प्रदान करने वाली देश की चर्चित ट्रेन गरीब रथ एक्सप्रेस (Garib Rath Express) में यात्रियों को अब RAC सीट नहीं मिलेगी. गरीब रथ ट्रेन में RAC टिकट के साथ यात्रा करने वाले यात्रियों से लगातार मिल रही शिकायतों के बाद रेलवे बोर्ड (Railway Board) ने ये बड़ा फैसला किया है. रेलवे बोर्ड के इस फैसले के बाद गरीब रथ एक्सप्रेस ट्रेन में अब सिर्फ कन्फर्म सीट ही दी जाएगी. बताते चलें कि थर्ड क्लास एसी वाली गरीब रथ एक्सप्रेस ट्रेन का किराया बाकी ट्रेनों की थर्ड क्लास एसी कोच के किराये से करीब 33 प्रतिशत कम होता है.
आरएसी टिकट के साथ सफर करने वाले यात्रियों को हो रही थीं समस्याएं
गरीब रथ एक्सप्रेस ट्रेन के एक कम्पार्टमेंट में कुल 9 सीटें होती हैं, जबकि बाकी ट्रेनों के एक कम्पार्टमेंट में 8 सीटें ही होती हैं. इस ट्रेन की बोगियों में साइड में 3 सीट होती हैं, जबकि बाकी ट्रेनों के साइड में सिर्फ दो सीटें ही होती हैं. ऐसे में आरएसी टिकट के साथ यात्रा करने वाले 3 यात्रियों को साइड वाली एक ही सीट अलॉट कर दी जाती थी. जिससे रात के समय यात्रियों को मजबूरन सिर झुकाकर यात्रा करनी पड़ती थी, जिससे कई तरह की शारीरिक समस्याएं जैसे गर्दन का दर्द, कमर का दर्द का सामना करना पड़ता था.
साल 2006 में लालू प्रसाद यादव ने शुरू की थी गरीब रथ एक्सप्रेस ट्रेन
रेलवे बोर्ड द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक गरीब रथ एक्सप्रेस ट्रेन में आरएसी के प्रावधान को खत्म करने को लेकर सभी संबंधित विभागों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं. बताते चलें कि ट्रेनों में एसी यात्रा को बढ़ावा देने के साथ-साथ निम्न और मध्यम वर्ग के यात्रियों को कम किराये में एसी सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने साल 2006 में गरीब रथ ट्रेनों की शुरुआत की थी. भारत में अभी कुल 26 जोड़ी गरीब रथ ट्रेनें चलाई जाती हैं.