भगवा रंग की दूसरी नई दिल्ली-वाराणसी वंदे भारत ट्रेन का आज होगा उद्घाटन, पीएम मोदी दिखाएंगे हरी झंडी, जानें किराया
Vande Bharat Train: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वाराणसी को नई दिल्ली से जोड़ने वाली दूसरी वंदे भारत एक्सप्रेस का उद्घाटन करेंगे. जानें किराया और टाइमिंग.
Vande Bharat Train: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दूसरी वंदे भारत एक्सप्रेस का आज उद्घाटन करेंगे. यह ट्रेन वाराणसी और नई दिल्ली के बीच चलेगी. इस वंदे भारत एक्सप्रेस के शुरू होने से प्रयागराज, कानपुर और नई दिल्ली जाने वाले यात्रियों को काफी लाभ होगा. इस पहल से न केवल यात्रियों का समय बचता है बल्कि क्षेत्र में सांस्कृतिक, औद्योगिक और आर्थिक विकास में भी तेजी आती है. आध्यात्मिक शहर वाराणसी से अपनी यात्रा शुरू करते हुए, ट्रेन प्रयागराज, कानपुर से होकर गुजरेगी और राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली पहुंचेगी. इस नई सेवा से विशेष रूप से प्रयागराज जाने वाले तीर्थयात्रियों और औद्योगिक केंद्र कानपुर और दिल्ली के बीच यात्रा करने वाले लोगों को लाभ होगा.
ये होगा ट्रेन टाइमिंग
वंदे भारत एक्सप्रेस का नियमित संचालन 20 दिसंबर, 2023 को शुरू होने वाला है. ट्रेन सुबह 6:00 बजे वाराणसी से प्रस्थान करके 07:34 बजे प्रयागराज, 09:30 बजे कानपुर सेंट्रल और अंत में दोपहर 2:05 बजे नई दिल्ली पहुंचेगी. वापसी में यह ट्रेन नई दिल्ली से दोपहर 3:00 बजे प्रस्थान करेगी, शाम 7:12 बजे कानपुर सेंट्रल, रात 9:15 बजे प्रयागराज पहुंचेगी और रात 11:05 बजे वाराणसी में अपनी यात्रा समाप्त करेगी. आज इस समय पीएम करेंगे उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी 18 दिसंबर 2023 को दोपहर 2:15 बजे वाराणसी में हरी झंडी दिखाकर इस उद्घाटन विशेष ट्रेन को आधिकारिक तौर पर रवाना करेंगे. ट्रेन बाद में निर्धारित समय के अनुसार नई दिल्ली पहुंचने से पहले प्रयागराज, कानपुर सेंट्रल, इटावा, टूंडला और अलीगढ़ से होकर गुजरेगी. यह रेल कनेक्टिविटी को आगे बढ़ाने और यात्रियों को बेहतर यात्रा अनुभव प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. वंदे भारत से लोगों का बचेगा समयवंदे भारत एक्सप्रेस का उद्देश्य शहरों के बीच यात्रा के समय को कम करना है, जिससे यात्रियों को तेज और आरामदायक यात्रा की सुविधा मिल सके. यह आधुनिक सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन बेहतर डिजाइन, इंटीरियर और गति के मापदंडों पर भारतीय रेलवे के लिए अगली बड़ी छलांगों में से एक है, जो यात्रियों को सुखद यात्रा अनुभव प्रदान करती है. यह ट्रेन असंख्य बेहतर सुविधाएं प्रदान करती है जो यात्रियों को विमान जैसा यात्रा अनुभव और उन्नत अत्याधुनिक सुरक्षा सुविधा प्रदान करेगी. वंदे भारत एक स्व-चालित, अर्ध-उच्च गति ट्रेन सेट है. इस ट्रेन को 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत स्वदेशी रूप से बनाया गया है.
काफी सुविधाओं से लैस होगी ट्रेन
रेलवे मंत्रालय में एक सूत्र ने कहा, ‘‘यह भगवा रंग की दूसरी वंदे भारत ट्रेन है जिसका संचालन रेल मंत्रालय देश में शुरू करने जा रहा है.’’ उत्तरी रेलवे ने प्रेस में जारी किए अपने बयान के साथ ही भगवा रंग की ट्रेन की एक तस्वीर भी साझा की है. उत्तरी रेलवे ने कहा, ‘‘ट्रेन में यात्रा करते समय सूचना और मनोरंजन प्रदान करने वाला वाई-फाई, जीपीएस आधारित यात्री सूचना प्रणाली, आरामदायक व्यवस्था, बायो-वैक्यूम शौचालय, रोशनी की एलईडी व्यवस्था, हर सीट के नीचे चार्जिंग सुविधा और हर सीट पर किताब पढ़ने के लिए रोशनी जैसी बेहतर यात्री सुविधाएं हैं. ट्रेन में हवा की रोगाणु मुक्त आपूर्ति के लिए यूवी लैम्प के साथ बेहतर एयर कंडीशनिंग प्रणाली है. इसमें जलवायु परिस्थितियों/यात्रियों की संख्या के अनुसार एयर कंडीशनिंग को कम या ज्यादा करने की भी व्यवस्था है.
मंगलवार को नहीं चलेगी ट्रेन
सोमवार को दोपहर दो बजकर 15 मिनट पर इसे वाराणसी से नयी दिल्ली के लिए रवाना किया जाएगा. बहरहाल, सामान्यत: यह ट्रेन केवल मंगलवार को छोड़कर हर सप्ताह में छह दिन सुबह छह बजे वाराणसी से नयी दिल्ली के लिए रवाना होगी. ट्रेन दोपहर दो बजकर पांच मिनट पर नयी दिल्ली पहुंचेगी और 55 मिनट बाद दोपहर तीन बजे वाराणसी के लिए रवाना होगी. वह रात 11 बजकर पांच मिनट पर अपने गंतव्य पर पहुंचेगी. अभी नयी दिल्ली और वाराणसी के बीच चलने वाली पहली वंदे भारत ट्रेन सुबह छह बजे दिल्ली से रवाना होती है और दोपहर दो बजे वाराणसी पहुंचती है.
24 सितंबर को पहली भगवा-ग्रे रंग की वंदे भारत हुई थी लॉन्च
यह दोपहर तीन बजे नयी दिल्ली के लिए रवाना होती है और रात 11 बजे गंतव्य पर पहुंचती है. यह मंगलवार को छोड़कर सप्ताह में छह दिन चलती है. रेलवे ने केरल में कासरगोड और तिरुवंनतपुरम के बीच 24 सितंबर को पहली भगवा-ग्रे रंग की वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत की थी. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल में पत्रकारों के साथ बातचीत में इस बात से इनकार कर दिया था कि वंदे भारत ट्रेन का रंग नारंगी या भगवा होने के पीछे कोई राजनीति है. उन्होंने कहा था कि रंगों का चुनाव पूरी तरह से वैज्ञानिक सोच के आधार पर होता है. उन्होंने कहा था, ‘‘मनुष्य की आंखों को दो रंग सबसे ज्यादा दिखाई देते हैं - पीला और नारंगी. यूरोप में लगभग 80 फीसदी ट्रेनों का रंग नारंगी या पीले और नारंगी के संयोजन वाला है.