Sikkim Railway Station: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने सोमवार को रंगपो में सिक्किम के पहले रेलवे स्टेशन की आधारशिला रखी. प्रधानमंत्री ने लगभग 41,000 करोड़ रुपये की 2,000 से अधिक रेल बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का अनावरण किया, जिनमें यह परियोजना भी शामिल है. प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अपने संबोधन में कहा कि रंगपो रेलवे स्टेशन का डिजाइन सिक्किम की समृद्ध संस्कृति, विरासत और वास्तुकला से प्रेरित होगा. सिक्किम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य रंगपो के खानिकोला में मौजूद थे, जहां एक समारोह आयोजित किया गया था. 

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आचार्य ने कहा, "रंगपो रेलवे स्टेशन का शिलान्यास सिक्किम के लिए एक ऐतिहासिक और गौरवपूर्ण क्षण है, जो 'विकसित भारत-2047' के संदर्भ में इसके महत्व और त्वरित व सुविधाजनक यात्रा विकल्प प्रदान करके पर्यटन क्षेत्र को बढ़ाने की इसकी क्षमता को रेखांकित करता है."

तीन चरणों में पूरा होगा काम

रेंगपो रेलवे स्टेशन का काम तीन चरणों में पूरा किया जाएगा. पहले फेज में सिवोक से रेंगपो तक, दूसरा चरण रंगपो से गंगटोक तक और तीसरे चरण में गंगटोक से नाथुला तक स्टेशन तैयार किया जाएगा.  रेल लाइन परियोजना सिवोक-रंगपो (44 किलोमीटर) की स्वीकृति साल 2022 में दी गई थी. 44.96 किलोमीटर की कुल लंबाई में से 38.65 किलोमीटर (86 प्रतिशत) सुरंगों में, 2.24 किलोमीटर (5 प्रतिशत) पुलों पर और 4.79 किलोमीटर (9 प्रतिशत) लंबाई स्टेशन यार्डों की ओपन कटिंग/फिलिंग में है. 

14 सुरंगों से गुजरेगी ट्रेन

सिवोक-रंगपो प्रस्तावित लाइन में 14 सुरंगें हैं जिनमें 5.30 किलोमीटर लंबी सुरंग है और सबसे छोटी सुरंग 538 मीटर की है. रेलवे लाइन पर सिवोक और रंगपो सहित पांच स्टेशनों के निर्माण की योजना है. चार स्टेशनों को खुले क्रॉसिंग स्टेशन जैसे, सिवोक, रियांग, मेली और रंगपो और एक भूमिगत हॉल्ट स्टेशन तीस्ता बाजार बनाने का प्रस्ताव है. पूर्वोत्तर क्षेत्र के 8 राज्यों में से, रेल नेटवर्क संपर्क अब 7 राज्यों में उपलब्ध है. सिक्किम के लिए, नई रेल लाइन परियोजना सिवोक-रंगपो (44 किलोमीटर) की स्वीकृति प्रदान की गई थी. 

रेलवे लाइन की सुरंगोंका निर्माण एनएटीएम (न्यू ऑस्ट्रियन सुरंग बनाने की प्रणाली) नामक नवीनतम तकनीक द्वारा किया गया है. पीएम नरेंद्र मोदी इसके अलावा 1500 रोड ओवर ब्रिज और अंडरपास का शिलान्यास, उद्घाटन और राष्ट्र को समर्पित भी करेंगे. ये रोड ओवर ब्रिज और अंडरपास 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैले हुए हैं. इन परियोजनाओं की कुल लागत लगभग 21,520 करोड़ रुपए है.