Railway Minister Ashwini Vaishnaw Profile: पीएम नरेंद्र मोदी ने शपथग्रहण के एक दिन के बाद मंत्रीमंडल को विभागों का बंटवारा कर दिया है. अश्विनी वैष्णव को एक बार फिर रेल मंत्री बनाया है. साथ ही अश्विनी वैष्णव को सूचना और प्रसारण मंत्रालय और आईटी मंत्रालय की भी जिम्मेदारी दी गई है.  अश्विनी वैष्णव साल 2021 में पहली बार मोदी 2.0 में मंत्री बने थे. साल 2024 तक उनके पास टेलिकॉम और आईटी मंत्रालय का भी प्रभार था. उन्होंने न केवल प्रधानमंत्री से बल्कि कई अवसरों पर अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों से भी तारीफ मिली थी. अश्विनी वैष्णव ओडिशा कैडर के आईएएस अधिकारी रह चुके हैं. 

Railway Minister Ashwini Vaishnaw Profile: अटल बिहारी वाजेपयी के उप सचिव रहे हैं अश्विनी वैष्णव 

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अश्विनी वैष्णव को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में रेलवे क्षेत्र में सुधार और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में पब्लिक- प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल की स्थापना की कोशिशों के लिए जाने जाते हैं. ओडिशा से राज्यसभा सदस्य वैष्णव (53) को 2002 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यालय में उप सचिव नियुक्त किया गया था. उस समय भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का बीजू जनता दल (बीजद) के साथ गठबंधन था. जुलाई 2021 में नरेन्द्र मोदी मंत्रिमंडल 2.0 में उनका शामिल होना कई लोगों के लिए आश्चर्य की बात थी. 

Railway Minister Ashwini Vaishnaw Profile: ओडिशा कैडर के आईएएस ऑफिसर रहे हैं अश्विनी वैष्णव

आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र वैष्णव ने आईएएस अधिकारी के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, ओडिशा के सुंदरगढ़, बालासोर और कटक के लोगों की सेवा की और अक्टूबर-नवंबर 1999 में पूर्वी राज्य में आए ‘भीषण चक्रवात’ के दौरान उनके सक्रिय उपायों के लिए उनके काम की तारीफ की गई थी. अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में पीएमओ में अपने छोटे कार्यकाल के दौरान, बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल को आगे बढ़ाने के उनके प्रयासों की सराहना की गई थी. 

Railway Minister Ashwini Vaishnaw Profile: 2004 में बने थे अटल बिहारी वाजपेयी के निजी सचिव 

अश्विनी वैष्णव को 2004 में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के चुनाव हारने के बाद अटल बिहारी वाजपेयी का निजी सचिव नियुक्त किया गया था. अश्विनी वैष्णव पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के व्हार्टन स्कूल के भी छात्र रह चुके हैं. सरकारी नौकरी छोड़ने के बाद उन्होंने प्राइवेट सेक्टर में शामिल हो गए थे और गुजरात में काम किया था. इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी का ध्यान आकर्षित किया, जो उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री थे.

भाषा के इनपुट के साथ.