रायबरेली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को आधुनिक रेल कोच कारखाने और 558 करोड़ रुपये की लागत से बने रायबरेली-बांदा हाइवे का भी लोकार्पण किया. हमसफर रेल कोच को हरी झंडी दिखाने के साथ ही इस प्रॉजेक्ट को मोदी सरकार अपनी फ्लैगशिप स्कीम मेक इन इंडिया की सफलता के उदाहरण के तौर पर पेश किया. रेल कोच फैक्ट्री में मेट्रो, बुलेट ट्रेन कोच के डिब्बे बनाए जाएंगे. प्रधानमंत्री ने हमसफर ट्रेन के 900वें कोच को भी हरी झंडी दिखाई.

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रायबरेली पहुंचने पर पीएम मोदी ने मॉडर्न रेल कोच फैक्ट्री और हमसफर ट्रेन के कोच का दौरा किया. इस दौरान उनके साथ केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल, राज्यपाल राम नाइक और सीएम योगी आदित्यनाथ भी थे. प्रधानमंत्री ने रेल मेंत्री के साथ बैटरी कार में बैठकर पूरी रेल कोच फैक्ट्री का निरीक्षण किया.

इस मौके पर उन्होंने कहा कि रायबरेली में रेल इंडस्ट्रियल पार्क बनेगा. उन्होंने कहा, 'मुझे गर्व का एहसास हो रहा है कि रायबरेली रेल कोच निर्माण के मामले में ग्लोबल हब बनने वाला है.'

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस फैक्ट्री की क्षमता का विस्तार कामगारों इंजीनियरों और टेक्निशियनों के लिए भी रोजगार के नए अवसर लेकर आएगा. उन्होंने कहा कि अस्थाई कर्मचारियों की संख्या भी हमारे कार्यकाल में बढ़ी है. 2000 नए कर्मचारियों को हमारी सरकार ने नियुक्त कर दिया है, जो कर्मचारी यहां काम कर रहे थे वे कपूरथला से लाए गए थे.

पीएम मोदी ने कहा कि कोच फैक्ट्री की क्षमता बढ़ेगी तो युवाओं के लिए हर तरह के रोजगार बढ़ेंगे. अब इसी फैक्ट्री में मेट्रो ट्रेन के कोच बनेंगे, एल्यूमिनियम के कोच बनेंगे.

कोच फैक्ट्री से रोजगार के साधन बढ़े

नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह फैक्ट्री 2007 में स्वीकृत हुई थी. 2010 में फैक्ट्री बनकर तैयार भी हो गई. लेकिन उसके बाद 4 साल तक इस फैक्ट्री में कपूरथला से डिब्बे लेकर उनमें पेंच कसने और पेंट करने का काम हुआ. जो फैक्ट्री नए डिब्बे बनाने के लिए थी, उसे पूरी क्षमता से कभी काम ही नहीं करने दिया गया.

उन्होंने कहा कि अगर कोच फैक्टरी की क्षमता बढ़ेगी तो यहां के युवाओं के लिए हर तरह के रोजगार बढ़ेंगे. उस दिन के बारे में सोचिए, जब यहां हर रोज 10-12 नए कोच बनने लगेंगे. इस फैक्ट्री की क्षमता का विस्तार, कामगारों, इंजीनियरों, टेक्नीशियनों के लिए भी रोजगार के नए अवसर लेकर आएगा.

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब पहले की सरकार ने यहां पर रेल कोच फैक्ट्री का निर्माण तय किया था, तो ये तय हुआ था कि 5000 कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी. लेकिन स्वीकृति इसके आधे पदों को ही दी गई. इतना ही नहीं, 2014 में हमने ये भी देखा कि यहां की कोच फैक्ट्री में एक भी नई नियुक्ति नहीं हुई थी. अब आज की स्थिति ये है कि लगभग 2 हजार नए कर्मचारियों को हमारी सरकार ने नियुक्त किया है. 

रेल कोच फैक्ट्री के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 133 किलोमीटर लंबी रायबरेली-फतेहपुर-बांदा सड़क भी राष्ट्र को समर्पित की. इसके निर्माण पर 558 करोड़ रुपए की लागत आई है.

किसानों के लिए किए कई काम

प्रधानमंत्री ने किसानों के लिए चलाई जा रही योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि एनडीए सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को लागू किया. खरीफ और रबी की 22 फसलों पर एमएसपी को सुनिश्चित किया गया है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अगर मैं पिछले 2 वर्ष का आंकड़ा दूं, तो किसानों से प्रीमियम के रूप में 8 हजार करोड़ रुपए लिए गए. लेकिन आपदा के बाद, फसल खराब होने के बाद, उन्हें 33 हजार करोड़ रुपए की मदद की गई. यानी जितना किसानों से लिया, उससे 4 गुना से ज्यादा वापस किया गया.