भारत में होगा एफिल टॉवर से भी ऊंचा पुल, 2021 में तैयार हो जाएगा चेनाब रेलवे ब्रिज
भारतीय रेलवे (Indian Railways) कटरा माता वैष्णो और बनिहाल के बीच चेनाब नदी (Chenab River) पर ‘चेनाब रेलवे ब्रिज’ बना रहा है, जो रियासी जिले के अंतर्गत आते कोड़ी और बक्कल के दरमियान तैयार हो रहा है.
Updated on: January 09, 2020, 06.08 PM IST
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2021 में पुल बनकर तैयार होगा
रेलवे अधिकारियों का दावा है कि 2021 में पुल बनकर तैयार हो जाएगा. इस ब्रिज को बनाने की योजना के साथ ही यह चर्चा में आ गया है. खासकर यह रेलवे पुल अपने डिजाइन के कारण लोगों में उत्सुकता पैदा करता है.
पुल उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना का हिस्सा है. दुर्गम क्षेत्र में करीब 1200 करोड़ रुपये की लागत से बनाए जा रहे इस पुल में 24000 टन स्टील का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके बनाने में इस्तेमाल होंने वाले पियर पुल पर बनाई गई वर्क शॉप में बनाए जा रहे हैं.
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cable क्रैन technology
इस पुल को कुछ इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह 266 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवा को भी झेल सकेगा. रेलवे के 150 साल के इतिहास में ये पहला ऐसा पुल है जिसके 915 मीटर span में cable क्रैन technology इस्तेमाल की गई.
उधमपुर से बारामुला तक 272 किलोमीटर लंबी रेल परियोजना को 3 खंडों में बांट कर काम शुरू हुआ. इसके 2 खंड 1 उधमपुर कटरा और दूसरा काजीगुंड बारामुला पर काम पूरा कर ट्रेन चलाने का काम शुरू किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जुलाई 2014 में कटरा-माता वैष्णो से दिल्ली तक ट्रेन को हरी झंडी दिखा कर कटरा-उधमपुर रेल खंड का उद्घाटन किया था.
रेलवे ने इस बीच पीरपंजाल पहाड़ को चीर कर 11 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाकर जम्मू के बनिहाल और काजीगुंड को आपस में जोड़कर तीसरे खंड की दूरी को 129 किलोमीटर से कम कर 111 किलोमीटर तक ला दिया है.
तीसरे और अंतिम चरण के 111 किलोमीटर रेल लिंक को पूरा करने के लिए इलाके की भौगोलिक परिस्थितियां का आंकलन रेलवे ने कर लिया है. कटरा और बनिहाल के बीच 111 किलोमीटर रेल लिंक की कठिनाइयां इस बात से जाहिर होती हैं कि इस रास्ते में 27 टनल और 37 पुलों का निर्माण रेलवे कर रहा है. इस रास्ते पर सबसे लंबी टनल 12.75 किलोमीटर है जबकि 359 मीटर ऊंचा दुनिया का सबसे ऊंचा पुल भी इसी रेल सेक्शन पर है.