भाप इंजन वाली ट्रेन से कर सकेंगे नीलगिरि पर्वत का दीदार, दक्षिण रेलवे ने बनाया पहला स्टीम इंजन लोकोमोटिव
ये ट्रेन पुरानी तकनीक पर नए संसाधनों के साथ तैयार की गई है.
Updated on: August 27, 2021, 07.00 PM IST
1/5
नीलगिरि माउंटेन रेलवे में चलेगी ये ट्रेन
दरअसल भारतीय रेलवे की गोल्डन रॉक वर्कशॉप, जो दक्षिण रेलवे (SR) डिवीजन के अंतर्गत आती है, ने हाल ही में देश में पहली बार X-Class स्टीम लोकोमोटिव का निर्माण किया है. स्टीम लोकोमोटिव को UNESCO द्वारा मान्यता प्राप्त वर्ल्ड हेरिटेज साइट, नीलगिरि माउंटेन रेलवे (NMR) में उपयोग के लिए रखा जाएगा.
NMR खंड नीलगिरि पर्वत में मेट्टुपालयम - उदगमंडलम (ऊटी) से तक फैला हुआ है. नीलगिरी पर्यटकों को अपने विहंगम दृश्य से आनंद प्रदान करती है. यहां मानसून के सीजन में पहाड़ों और घाटों की सुंदर छटाएं यहां से गुजरनेवालों के लिए यादगार साबित होती है. इस बीच, गोल्डन रॉक वर्कशॉप में एक्स क्लास स्टीम लोकोमोटिव का परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है और इसे लेकर NMR स्ट्रेच पर आगे के परीक्षण किए जाएंगे।
रेल मंत्रालय ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया, "स्टीम युग को फिर से देखें! भारतीय रेलवे के तहत एक प्रमुख कार्यशाला, गोल्डन रॉक वर्कशॉप ने पहली बार स्वदेशी कोयले से चलने वाले स्टीम लोकोमोटिव - 'ब्लैक ब्यूटी' (X-37400) को तैयार किया जिसे जल्द ही यूनेस्को-सूचीबद्ध नीलगिरी माउंटेन रेलवे (एसआर) में सेवा में शामिल किया जाएगा."
4/5
सेफ्टी का भरपूर ख्याल
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, स्टीम लोको की कुल लंबाई 10,380mm और ऊंचाई 3,420mm है. नीलगिरी के पहाड़ी इलाकों को ध्यान में रखते हुए, लोकोमोटिव गतिशील, बैंड ब्रेक और वैक्यूम ब्रेक सिस्टम से लैस है.
साथ ही गोल्डन रॉक वर्कशॉप ने IOT (internet of things) आधारित कंडीशन मॉनिटरिंग सिस्टम विकसित किया है जो अब त्रिची-हावड़ा एक्सप्रेस रेक और LHB पावर कार में चल रहे एक 3 टियर AC कोच में स्थापित है. ICF कोचों के दरवाजे और गैंगवे में नव विकसित एपॉक्सी फ्लोरिंग, ICF स्लीपर कोचों में लंबी निचली बर्थ में मानक पैच की शुरूआत, NMR कोच में PVC कोटेड GI शीट पैनल इसके प्रमुख आकर्षण हैं.