रेलवे की शाही सवारी पैलेस ऑन व्हील्स बुधवार को दिल्ली सफदरजंग स्टेशन से पर्यटकों को लेकर रवाना हो गई. खास बात ये है कि अतिआधुनिक सुविधाओं से लैस पहियों पर चलते-फिरते इस महल को स्टीम इंजन ‘आजाद’ लेकर रवाना हुआ है, हालांकि कुछ दूरी के बाद ट्रेन का इंजन बदल दिया गया.

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राजसी ठाठ के साथ सजी-संवरे पैलेस ऑन व्हील्स ट्रेन को रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्वनी लोहानी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस ट्रेन में कुल 42 पर्यटक सवार हैं. यह ट्रेन सफरदजंग से चलकर जयपुर, सवाई माधवपुर, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, जैसलमेर, जोधपुर, भरतपुर और आगरा होते हुए वापस दिल्ली पहुंचेगी.

यह भारत की शाही सवारी है. इसमें वे सभी राजसी ठाट मौजूद हैं, जो कभी राजा-महाराजाओं के लिए हुआ करते थे. इसलिए इसका किराया भी काफी ज्यादा है.

जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है कि यह ट्रेन चलती-फिरती महलों वाली सुविधा से लैस है, तो इसमें यात्रा करने से एक अलग ही अनुभूति होती हैं.

7 रात और 8 दिन के सफर के लिए पैलेस ऑन व्हील्स का किराया 2 लाख, 40 हजार रुपये प्रति सवारी है.

भारत में भले ही राजप्रथा खत्म हो गई हो, लेकिन इसमें सवार होकर आप खुद को किसी राजा से कम बिल्कुल भी नहीं समझेंगे.

पैलेस ऑन व्हील्स में एक बार में 85 यात्री सवारी कर सकते हैं. इस राजसी ट्रेन में जिम, पार्लर, स्पा और बार जैसी सुविधाएं हैं.

इसमें 2 प्रेसीडेंसियल सूट और 39 डिलक्स रूम हैं. पूरी ट्रेन में इस बार ऑरियंटल कारपेट लगाया गया है. रॉयल ट्रेन में बाथरूम की फिटिंग नई है.

इसके रेस्टोरेंट में आप इंडियन और कॉन्टिनेंटल फूड का आनंद ले सकते हैं. इसमें शादी भोजन के लिए महाराज और महारानी नाम से दो किचन कोच भी हैं.