'वन स्टेशन वन प्रोडक्ट' के जरिए भारतीय रेलवे ने बीते वर्षों में राजस्थान के कई स्थानीय उत्पादों को पूरे देश में पहुंचाने का बेहतरीन प्रयास किया है. भारतीय रेलवे ने लगभग 70 'वन स्टेशन वन प्रोडक्ट' के स्टॉल लगाए हैं. आज इन स्टालों पर राजस्थान जयपुरी रजाई, सांगानेरी ब्लॉक प्रिंट वाली चादरें, गुलाब के उत्पाद और अन्य हस्तशिल्प बेचे जा रहे हैं. सरकार के प्रयासों से आज राजस्थान के छोटे किसानों, कारीगरों और हस्तशिल्पियों को बाजार तक पहुंचने का यह नया माध्यम मिला है. यह विकास में सबकी भागीदारी का उदाहरण है. जब रेल जैसा संपर्क का बुनियादी ढांचा मजबूत होता है, तो देश मजबूत होता है. इससे देश के आम नागरिक को लाभ होता है, देश के गरीब और मध्यम वर्ग को लाभ होता है. ऐसे में आधुनिक वंदे भारत ट्रेन राजस्थान के विकास को गति देने में और भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.

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राजस्थान को नए अवसरों की भूमि बना रही केंद्र सरकार

केंद्र की सरकार राजस्थान को नए अवसरों की भूमि बना रही है. इन कार्यों को देखते हुए कहा जा सकता है कि केंद्र सरकार ने कनेक्टिविटी के लिए अभूतपूर्व कार्य किया है जो राजस्थान जैसे राज्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है जिसकी अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा पर्यटन है. 

राजस्थान के लिए रेल बजट 2014 से 14 गुना बढ़ाया गया

राजस्थान के लिए रेल बजट 2014 से 14 गुना बढ़ा दिया गया है, 2014 में 700 करोड़ से इस वर्ष 9,500 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है. रेलवे लाइनों के दोहरीकरण की गति भी दोगुनी हुई. गेज परिवर्तन और दोहरीकरण से डूंगरपुर, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, पाली और सिरोही जैसे आदिवासी क्षेत्रों को मदद मिली है. अमृत भारत रेल योजना के तहत दर्जनों स्टेशनों का उन्नयन किया जा रहा है.

वर्तमान में केंद्र सरकार विभिन्न प्रकार की सर्किट ट्रेनें भी चला रही है. इनमें भारत गौरव सर्किट ट्रेन खास हैं, जिन्होंने अब तक 70 से अधिक यात्राएं की हैं और 15 हजार से अधिक यात्रियों को ले जा चुकी हैं. अयोध्या-काशी हो, दक्षिण दर्शन हो, द्वारका दर्शन हो, सिख तीर्थस्थल हों, ऐसे कई स्थानों के लिए भारत गौरव सर्किट ट्रेनें चलाई गई हैं.

राजस्थान में भारतीय रेलवे का तेजी से हो रहा विस्तार

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार देश के बाकी हिस्सों की तरह राजस्थान में भी भारतीय रेलवे के विस्तार को लेकर तेजी से कार्य कर रही है. इस दिशा में सरकार ने तरंगा हिल से अंबाजी तक रेलवे लाइन पर काम को लगभग पूरा कर लिया है. यह लाइन एक सदी पुरानी पेंडिंग डिमांड थी जो अब पूरी हो रही है. ये लाइन गुजरात की अलग-अलग जगहों को राजस्थान के अलग-अलग हिस्सों से जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगी. तरंगा हिल से अंबाजी तक रेलवे लाइन से दोनों राज्यों में जहां पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, वहीं क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास को भी रफ्तार मिलेगी. महज इतना ही नहीं उदयपुर-अहमदाबाद लाइन की ब्रॉड गेजिंग भी पूरी हो चुकी है और 75% से अधिक रेलवे नेटवर्क का विद्युतीकरण किया जा चुका है.

(रिपोर्ट-पीबीएनएस)

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