फुट मसाजर और क्रॉकरी में बहाए गए रेलवे सिक्योरिटी के पैसे... कांग्रेस के आरोपों पर रेलवे ने बता दिया पूरा सच
Odisha Train Accident: ओडिशा ट्रेन हादसे के बाद CAG की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया कि रेलवे ने अपनी सेफ्टी के पैसों का इस्तेमाल फुट मसाजर और क्रॉकरी में किया है. आइए जानते हैं क्या है इन आरोपों की पूरी सच्चाई?
Odisha Train Accident: ओडिशा में हुए भयंकर ट्रेन हादसे के बाद से आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने रेलवे पर आरोप लगाया है कि रेलवे की सुरक्षा के लिए रखे गए पैसे से क्रॉकरी, फर्नीचर और फुट मसाजर को खरीद कर पैसों का दुरुपयोग किया गया है, हालांकि सूत्रों के मुताबिक, रेलवे ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि इन सभी चीजों को उन रूम्स के लिए खरीदा गया हैं, जहां ट्रेन के लोको पायलट आराम करते हैं. बता दें कि ये लोको पायलट ट्रेन के सफर के दौरान काफी घंटों तक लगातार काम करते हैं.
कैग की रिपोर्ट में दावा
एक ऑफिशियल डॉक्यूमेंट के अनुसार, रेलवे ने 2017-18 से लेकर 2021-22 के बीच 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का खर्च सिक्योरिटी और ट्रैकों को ठीक करने में लगाया है. नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की 2021 की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए, कांग्रेस ने को दावा किया कि केंद्र सरकार ने क्रॉकरी, कार किराए पर लेने, फर्नीचर, लैपटॉप और फुट मसाजर जैसी चीजों पर रेलवे सिक्योरिटी पर इस्तेमाल होने वाले पैसे का दुरुपयोग किया है.
कांग्रेस ने लगाया आरोप
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने ट्विटर कर कहा, "रेलवे सुरक्षा (Railway Safety) के लिए विशेष रूप से रखे गए धन का उपयोग इस तरह किया गया."
हालांकि, रेलवे से जुड़े सोर्स ने बताया कि कांग्रेस जिन चीजों की बात कर रही है, उनका इस्तेमाल लोको पायलट के कमरों में होता है, जो ट्रेन को घंटों तक चलाते हैं.
लोको पायलट के काम आते हैं ये सामान
सूत्रों ने बताया, "ये ट्रेनों की सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी चीजे हैं. लोको पायलट वो होते हैं, जो ट्रेन को चलाते हैं. ये ट्रेन में काफी समय बिताते हैं, और कभी-कभी पूरे दिन खड़े रहते हैं. फुट मसाजर इन लोगो पायलट के पैरों के मालिश करने के लिए होती है. ये चीजें लोकों पायलट के लिए लग्जरी नहीं बल्कि जरूरी चीजे हैं, जो उनके स्वास्थ्य को ठीक रहने में काम आती हैं."
कहां खर्च हुए रेलवे के पैसे
कांग्रेस ने CAG की जिस रिपोर्ट का जिक्र किया है उसके अनुसार, रेलवे ने फर्नीचर, बर्तन, क्रॉकरी, रसोई/बिजली के उपकरणों की खरीद पर 1.48 करोड़ रुपये, वाहनों को किराए पर लेने पर 0.085 करोड़ रुपये और स्ट्रीट लाइट, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को शुल्क, फुट मसाजर, विंटर जैकेट सहित अन्य चीजों पर 4.54 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. सूत्रों ने कहा कि ये खर्च रनिंग स्टाफ की भलाई के लिए महत्वपूर्ण थे.
रेलवे पर न हो राजनीति
ऑल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने कहा, "हमारे स्टेशन प्रबंधक और रनिंग स्टाफ दिन-रात काम करते हैं और उनके उपयोग के लिए खरीदी गई क्रॉकरी और फुट मसाजर जैसी चीजों का राजनीतिकरण करना उचित नहीं है. इन चीजों पर राजनीति केवल रेलवे की छवि को खराब करती है."
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