ओडिशा ट्रेन हादसे को लेकर हुई FIR, जानिए किन धाराओं में दर्ज हुआ मामला और किसे बनाया गया है दोषी?
Odisha Train Accident FIR: ओडिशा ट्रेन हादसे में GRP ने एफआईआर दर्ज करा दिया है. आइए जानते हैं किन धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.
Odisha Train Accident FIR: ओडिशा में हुए भयंकर रेल हादसे को लेकर रेलवे पुलिस (GRP) ने रेलवे अधिनियम 1989 और भारतीय दंड संहिता (iPC) की कई धाराओं के तहत अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज की है. प्राथमिकी रिपोर्ट के अनुसार, रेलवे अधिनियम की धारा 154, 175 और 153 और भारतीय दंड संहिता की धारा 337, 338, 304 ए और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है. बालासोर में हुए इस ट्रेन हादसे में 275 लोगों की मौत हो गई है.
क्या कहती है FIR
FIR के मुताबिक, "03.06.2023 को 01.00 बजे, मैं सब इंस्पेक्टर पापु कुमार नाइक ने चाकलंदपाल, पुलिस स्टेशन तुरुनुंगा, जिला केओझार, पुलिस बालासोर जीआरपीएस के एटी / प्री-एसआई में 02.06.2023 को शाम 06.55 बजे थाने में सादे कागज की प्राथमिकी तैयार की ट्रेन नंबर-12841 हावड़ा-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस और ट्रेन नंबर-12864 यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस के बीच टक्कर के कारण दोनों ट्रेनों की बोगियां पलट गईं, जिससे सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों यात्री घायल हो गए."
रेल हादसे के पीड़िकों को कितना मुआवजा
ओडिशा ट्रेन हादसे का शिकार हुए पीड़ितों के लिए रेलवे ने मुआवजे का ऐलान किया है. इसमें मरने वालों के परिजनों के लिए 10-10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायल लोगों के लिए 2-2 लाख रुपये और घायलों के लिए 50-50 हजार रुपये का ऐलान किया है.
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से भी मृतकों के परिजनों के लिए 2-2 लाख रुपये, घायलों के लिए 50-50 हजार रुपये का ऐलान किया है. पश्चिम बंगाल ने अपने राज्य के पीड़ितों के लिए मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है. इसके अलावा ओडिशा सरकार ने अपने राज्य से मरने वालों के लिए 5-5 लाख रुपये का ऐलान और गंभीर रूप से घायल लोगों के लिए 1-1 लाख रुपये के मुआवजा का ऐलान किया है.
100 से अधिक ट्रेनें हैं कैंसिल
रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि ओडिशा हादसे को देखते हुए इस रूट पर 123 ट्रेनों को 3 जून से लकर 7 जून तक के लिए कैंसिल किया हया है. इसके अलावा 56 ट्रेनों को डायवर्ट, 14 ट्रेन को रीशेड्यूल और 10 ट्रेन को शॉर्ट टर्मिनेट किया गया है.
हादसे वाली साइट पर 51 घंटे बाद गुजरी पहली ट्रेन
वहीं दुर्घटना के बाद से ही रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव मौके पर मौजूद हैं. हादसे के बाद मालगाड़ी विशाखापट्टनम से राउरकेला इस्पात संयंत्र के लिए रवाना हुई. यह उसी पटरी पर चलाई गई जहां शुक्रवार शाम 7:00 बजे हादसा हुआ था. इसका एक वीडियो सामने आया है, जिसमें ट्रेन रवाना किए जाते समय रेल मंत्री हाथ जोड़ कर प्रार्थना करते नजर आए.
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