देहरादून (Dehradun) की सार्वजनिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम (transport system) को सुधारने के लिए अब नया प्लान तैयार किया गया है. देहरादून में जल्द ही रोपवे के जरिए ट्रांसपोर्ट सिस्टम तैयार होने जा रहा है. उत्तराखंड सरकार ने इस प्लान को अमलीजामा पहनाने के लिए दिल्ली मेट्रो की मदद ली है. देहरादून में मेट्रो के संचालन की सभी उम्मीदें खत्म होने के बाद रोपवे के जरिए परिवहन व्यवस्था दुरुस्त करने को लेकर सरकार का यह कदम काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

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देहरादून में रोपवे बनाए जाने को लेकर दिल्ली मेट्रो को डीपीआर बनाने का काम सौंप दिया गया. दिल्ली मेट्रो और उत्तराखंड सरकार के आला अधिकारियों के बीच हुए करार के तहत अगले चार से छह महीनों के बीच डीपीआर बनकर तैयार हो जाएगा. इसके बाद करीब 2 साल में रोपवे के जरिए परिवहन व्यवस्था शुरू हो पाएगी. दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro Rail Corporation) और उत्तराखंड मेट्रो (Uttarakhand Metro Project) के अधिकारियों ने इसको लेकर एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए.

उत्तराखंड के शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि देहरादून (Dehradun) में लगातार पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है, जनसंख्या का दबाव भी लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को बेहतर जाने के लिए सरकार ने यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है. इस परियोजना के पूरा होने में 2 से ढाई साल का समय लगेगा. मेट्रो के मुकाबले यह परियोजना काफी कम लागत में पूरी हो जाएगी. इस परियोजना में करीब 2,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे.

रोपवे परियोजना में दो मार्ग विकसित किए जाएंगे. इसमें कैब या ऐसी टैक्सी संचालित की जाएगी जो रोपवे पर चलेंगी. इसमें   10 से 12 लोग एक बार में सफर कर पाएंगे. पहला मार्ग घंटाघर होते हुए रिस्पना तक विकसित किया जाएगा और दूसरा मार्ग आईएसबीटी से राजपुर रोड तक बनेगा. देहरादून की परिवहन व्यवस्था को बेहतर बनाए जाने के मकसद से इसे मील का पत्थर माना जा रहा है. 

उत्तराखंड सरकार का दावा है कि वर्तमान समय तक देश के किसी दूसरे स्थान व शहर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोपवे सिस्टम का यूज नहीं किया जा रहा है. ऐसे में दून शहर देश का पहला शहर होगा.

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उत्तराखंड सरकार ने दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro) को डीपीआर बनाने के लिए एमओयू साइन होने के मौके पर 43 लाख रुपए का चेक भी दिया. 

Ropeway प्रोजेक्ट की प्रमुख बातें

- 20 से 25 किलोमीटर के बीच चलेगी रोपवे.

- रोपवे प्रोजेक्ट पर 2000-2200 करोड़ रुपये खर्च होंगे.

- रोपवे प्रोजेक्ट की डीपीआर 5 माह में बनकर तैयार होगी.

- टेंडर के 2 साल के बीच प्रोजेक्ट तैयार करना होगा.

- प्रोजेक्ट के तहत इसके लिए दो रूट बनाए जाएंगे.

- पहला रूट एफआरआई से क्लॉक टावर होते हुए रिस्पना जाएगा.

- दूसरा आईएसबीटी से क्लॉक टावर होने हुए कंडोली तक जाएगा.

- एक रोपवे की ट्रांसपोर्टेशन की क्षमता करीब 10 यात्रियों की होगी.

(रिपोर्ट- मनमोहन भट्ट/ देहरादून)