भारत सरकार (Government of India) देश के किसानों की आमदनी बढ़ाने और खर्च को घटाने के लिए हर संभव कोशिशें कर रही है. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों (Farmers) के हितों को ध्यान में रखकर ही किसान रेल की शुरुआत की थी. सरकार द्वारा शुरू की गई किसान रेल (Kisan Rail) अभी तक 167 अलग-अलग रूट पर चलाई जा चुकी है. केंद्रीय रेल राज्य मंत्री दर्शना जरदोश (Darshana Jardosh) द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक भारत सरकार अभी तक कुल 2359 किसान रेल चला चुकी हैं, जिनमें 7.88 लाख टन कृषि उत्पादों को सफलतापूर्वक ट्रांसपोर्ट किया जा चुका है.

7 अगस्त, 2020 को शुरू हुई थी किसान रेल

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किसानों और कृषि उत्पादों के विकास को ध्यान में रखकर सरकार ने 7 अगस्त, 2020 को किसान रेल की शुरुआत की थी. किसान रेल से देश के किसानों को कई तरह से जबरदस्त फायदे हुए, जिससे उनकी आय पहले के मुकाबले दोगुनी हुई. सरकार ने किसान रेल के माध्यम से कृषि उत्पादों के ट्रांसपोर्टेशन पर किसानों को जबरदस्त सब्सिडी दी.

किसान रेल के माध्यम से होने वाले ट्रांसपोर्टेशन के कारण किसानों की उपज तय समय से पहले ही अपनी मंजिल तक पहुंच जाती है, जिससे वे खराब भी नहीं होतीं. बताते चलें कि सरकार ने कृषि उत्पादों की कैटेगरी को ध्यान में रखकर साधारण, एयरकंडीशन्ड, रेफ्रिजरेटेड ट्रेनें मुहैया कराई हैं. इसके अलावा दूध का ट्रांसपोर्टेशन कंटेनर से किया गया.

किसानों के साथ-साथ रेलवे को भी हुआ फायदा

किसान रेल की मदद से देश के एक छोटे किसान के उत्पाद को देश का बड़ा बाजार मिला. ऐसा नहीं है कि सरकार द्वारा चलाई किसान रेल से सिर्फ किसानों को ही फायदा हुआ है, इससे रेलवे को भी काफी फायदा हुआ. किसानों से मिलने वाले किराये के रूप में रेलवे ने करोड़ों रुपये का राजस्व प्राप्त किया है.

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा दिए गए एक बयान के मुताबिक रेलवे मे 7 अगस्त, 2020 से लेकर 28 नवंबर, 2021 तक कुल 1642 किसान रेल चलाई थी, जिससे रेलवे को 220 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था.