IRCTC: 2 दिसंबर से शुरु हो रहा कोणार्क टूर पैकेज, रहना खाना होगा फ्री, जानें डीटेल्स
IRCTC Tour Package: आईआरसीटीसी दो दिसंबर से कोणार्क की यात्रा शुरू कर रहा है. यह टूर पैकेज 2 दिसंबर से शुरू होगा.
IRCTC Tour Package: अगर आप साउथ की फेमस जगहों को घूमने की प्लानिंग कर रहे हैं तो यह आपके खबर आपके लिए है. दरअसल , IRCTC ने साउथ के कई जगहों के लिए IRCTC कोणार्क टूर पैकेज लेकर आया है. जिसमें यात्रियों को नंदनकानन, जगन्नाथ पुरी, चिल्का एवं लिंगराज मंदिर की यात्रा कराई जाएगी. यह टूर पैकेज 2 दिसंबर से शुरू होगा. यह टूर पैकेज 4 रात और 5 दिन का होगा. इस टूर पैकेज में यात्रा हवाई मोड पर होगी.
2 दिसंबर से शुरु हो रहा टूर
IRCTC कोणार्क टूर पैकेज 2 दिसंबर से शुरु हो रहा है. टूर पैकेज दो से छह दिसंबर तक है . इस पैकेज में भुवनेश्वर नंदनकानन जूलोजिकल पार्क, लिंगराज मंदिर, धौली स्तूप, पुरी में गोल्डन बीच, जगन्नाथ मंदिर, चिल्का लेक (सतपुड़ा में), बर्ड आइलैण्ड, अलरनाथ मंदिर, चंद्रभागा बीच, सैण्ड आर्ट फेस्टिवल कोणार्क में सूर्य मंदिर, कोणार्क डान्स फेस्टिवल का टूर कराया जाएगा. इस टूर पैकेज में यात्रियों के लिये लखनऊ से भुवनेश्वर और वापसी की टिकट फ्लाइट से की गई है.
क्या होगी टूर पैकेज की कीमत
- IRCTC कोणार्क टूर पैकेज में एक व्यक्ति के पैकेज का किराया 45,900 होगा.
- दो यात्री के एक साथ ठहरने पर प्रति व्यक्ति 35,500 होगा.
- 3 यात्री के एक साथ ठहरने पर पैकेज का किराया प्रति व्यक्ति रुपए 33,900 है.
कहां से कर सकते हैं बुकिंग
बुकिंग के लिए आप IRCTC कार्यालय गोमती नगर या वेबसाइट पर संपर्क कर सकते हैं. रहने और खाने की व्यवस्था होगी फ्री IRCTC पर्यटन उद्योग को बढ़ाने के लिए तरह-तरह के बेहतरीन टूर पैकेज लेकर आती है. इससे लोगों को देश घूमने में आसानी होती है. इसमें आपको किसी बात की परेशानी नहीं होती. इस पैकेज के तहत रहना खाना सब फ्री होगा.क्यों फेमस है कोणार्क मंदिर
कोणार्क मंदिर सूर्यदेव को समर्पित है. यह दुनियाभर में प्रसिद्ध है. देश और दुनिया से बड़ी संख्या में श्रद्धालु सूर्यदेव के दर्शन के लिए आते हैं, साल 1984 में कोणार्क मंदिर को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल की मान्यता दी गई थी.
कोणार्क का क्या अर्थ है?
कोणार्क का नाम दो शब्दों को जोड़ कर बना है- कोण जिसका अर्थ है कोना और अर्क जिसका अर्थ है सूर्य. यह हिन्दू मन्दिर के लिए प्रसिद्ध है, जो भारतीय स्थापत्य का सर्वश्रेष्ठ नमूना है. मंदिर में स्थापित कोणार्क की मूर्ति के नाम पर ही इस शहर का नाम कोणार्क पड़ा है.
कोणार्क मंदिर का रहस्य क्या है?
कोणार्क मंदिर को काले ग्रेनाइट से बनाया गया है और इसकी वास्तुकला को पूरा करने में 12 साल लगे. इस मंदिर के निर्माण में चुम्बकों का इस्तेमाल किया गया था. इसलिए जब आप मुख्य मंदिर में प्रवेश करते हैं, तो आपको हवा में एक ऊंची मूर्ति दिखाई देती है.