TRAIN-18 में सामने आई बड़ी खामी, इसलिए चलने में हो रही है देरी, IRCTC भी है नाराज
इंडियन रेलवे की सबसे अत्याधुनिक और रफ्तार के मामले में सबको पीछे छोड़ने वाली Train-18 में बड़ी खामी सामने आई है. यही वजह है कि यात्रियों के लिए ट्रेन-18 के पटरी पर दौड़ने में देरी हो रही है.
इंडियन रेलवे की सबसे अत्याधुनिक और रफ्तार के मामले में सबको पीछे छोड़ने वाली Train-18 में बड़ी खामी सामने आई है. यही वजह है कि यात्रियों के लिए ट्रेन-18 के पटरी पर दौड़ने में देरी हो रही है. खामी सामने आने के बाद IRCTC ने भी रेलवे से डिमांड की है कि जरूरी बदलाव करके इसे जल्दी शुरू किया जाए. दरअसल, ट्रेन-18 में केटरिंग सर्विस के लिए पर्याप्त जगह नहीं है. ऐसे में IRCTC के पास खानपान की चीजें रखने तक को जगह नहीं है.
ट्रेन-18 में नहीं है खानपान की चीजें रखने की जगह नहीं
IRCTC ने इंडियन रेलवेज से अपील की है कि ट्रेन-18 में केटरिंग सर्विस के लिए पर्याप्त जगह मिले, जिससे भिन्न-भिन्न प्रकार का खाना यात्रियों को दिया जा सके. सूत्रों के मुताबिक, आईआरसीटीसी ने कैटरिंग के लिए कम जगह होने पर विरोध जताते हुए कहा था कि वे ट्रेन में कम जगह होने के कारण यात्रियों को सेवाएं नहीं दे पा रहे. सूत्रों के अनुसार, एक बैठक में यह भी बताया गया कि ट्रेन में मुसाफिरों को यात्रा के दौरान परोसे जाने वाली खानपान की चीजें रखने के लिए स्थान नहीं है.
राजधानी के मुकाबले एक तिहाई हिस्सा भी नहीं
सूत्रों के मुताबिक, IRCTC ने डिजाइन में इस खामी और कैटरिंग को लेकर आने वाली दिक्कत के बारे में मंत्रालय और कोच फैक्ट्री को जानकारी दे दी है. IRCTC ने आपत्ति जताई है कि ट्रेन सेट 18 में कैटरिंग के लिए राजधानी, शताब्दी एक्सप्रेस के मुकाबले एक तिहाई हिस्सा भी नहीं है, जिसके चलते खाना स्टोर करने से लेकर परोसने तक में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.
घटाई जा सकती है सीट की संख्या
ट्रेन में जगह की कमी को देखते हुए सीट की संख्या में कमी की जा सकती है. अभी तक ट्रेन में मिलने वाले खाने को लेकर मेनु भी फाइनल नहीं हो पाया है. IRCTC ने रेलवे से अपील की है कि हम चाहते हैं कि ट्रेन-18 में यात्रियों को भिन्न-भिन्न प्रकार का खाना मिले. वहीं, ICF ने डिजाइन में जरूरी बदलाव करने का आश्वासन दे दिया है. उम्मीद है जल्द ही इसे फाइनल कर लिया जाएगा.
मकर संक्रांति पर चलाई जा सकती है ट्रेन-18
देश की सबसे आधुनिक Train-18 मकर संक्रांति के आसपास चलाई जा सकती है. रेलवे ने इसको लेकर तैयारियां तेज कर दी हैं. हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रमों के अनुसार इसकी तारीख आगे बढ़ाई जा सकती है. आपको बता दें, ट्रेन-18 को नई दिल्ली से वाराणसी के बीच चला दिया जाएगा. दिल्ली से वाराणसी के बीच की दूरी को यह ट्रेन आठ घंटे में पूरा करेगी.
लग्जरी सुविधाओं से लैस है ट्रेन
ट्रेन-18 में वाई-फाई, सीसीटीवी कैमरों के साथ अंतरराष्ट्रीय मानकों की सुविधाएं होंगी और इसमें कोई इंजन नहीं है. यह ट्रेनसेट है. यह 160 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार के साथ 750 किलोमीटर की दूरी तय करेगी. T-18 के सफल ट्रायल के बाद रेलवे ने इस ट्रेन का नया वर्जन बनाने का फैसला किया है. रेलवे के इस फैसले पर चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्टरी ने काम करना भी शुरू कर दिया है.
जल्द आएगा स्लीपर वर्जन
ट्रेन-18 का नए वर्जन जल्द तैयार होगा. आईसीएफ के महाप्रबंधक सुधांशु मणि ने बताया कि मार्च तक ट्रेन 18 के दो सेट आएंगे. फिलहाल ट्रेन-18 के 7-8 सेट तैयार करने हैं. ये सभी चेयर कार होंगे. लेकिन, ट्रेन-18 के स्लीपर वर्जन पर भी काम हो रहा है. स्लीपर वर्जन भी बिल्कुल ऐसा ही होगा, बस उसमें चेयर की जगह स्लीपर सुविधा होगी. मणि के मुताबिक, इसके स्लीपर वर्जन के टेस्टिंग की भी जरूरत नहीं होगी. स्लीपर में भी तीन वर्जन तैयार किए जाएंगे. एसी फर्स्ट, एसी सेकेंड, 3 टियर एसी.
130 किमी वाले ट्रैक पर ही ट्रेन-18 को चलाया जाएगा
यह पूछे जाने पर कि रेलवे ट्रैक पुराने हैं, क्या हमारे मौजूदा ट्रैक ट्रेन-18 के लिए सक्षम हैं? इस प्रश्न के जवाब में मणि ने कहा, "130 किमी वाले ट्रैक पर ही ट्रेन-18 को चलाया जाएगा. यह काफी सफल होगी. टी-18 को दिल्ली-वाराणसी ट्रैक पर चलाया जाना है, ऐसी खबर है. इलाहाबाद तक 130 किमी की रफ्तार से दौड़ाया जाएगा.