Indian Railways से जुड़ी अच्छी खबर, बोले- 166 सालों में पहली बार यह रिकॉर्ड
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि बीते 166 सालों में पहली बार ऐसा हुआ है कि भारतीय रेल (Indian Railways) के वर्तमान माली साल में एक भी यात्री की मौत नहीं हुई है.
मोदी सरकार (Modi government) भारतीय रेल (Indian Railways) के आधुनिकीकरण पर ज्यादा जोर दे रही है. रेलगाड़ियों को गति देने के साथ-साथ उन्हें आधुनिक बनाना और सुरक्षित सफर के लिए बड़े-बड़े कदम उठाए जा रहे हैं. खास बात ये है कि इन कदमों का असर भी दिखाई देने लगा है. जहां हवा से बात करती वंदेभारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express), हमसफर एक्सप्रेस जैसी चमचमाती गाड़ियां पटरियों पर दौड़ रही हैं, वहीं ट्रेन एक्सीडेंट भी कम हो रहे हैं.
रेल मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने कहा है कि बीते 166 सालों में पहली बार ऐसा हुआ है कि भारतीय रेल (Indian Railways) के वर्तमान माली साल में एक भी यात्री की मौत नहीं हुई है. रेलवे के इतिहास में पहला वित्तीय साल 2019-20 अब तक सबसे सुरक्षित गुजरा है. अब तक 9 महीने गुजर चुके हैं और एक भी पैसेंजर की मौत रिकॉर्ड में नहीं आई. ये एक रिकॉर्ड है.
उन्होंने बताया कि दिल्ली से 50 ऑफीसर फील्ड में भेजे गए जिन्होंने एक्सीडेंट या अनहोनी की आशंका में जूनियर्स को फैसला लेना सिखाया. इससे काफी बदलाव आया. इसके अलावा 12 साल में रेलवे ने 50 लाख करोड़ रुपए के निवेश की योजना बनाई है. वित्त वर्ष 2017-18 में भारतीय रेल के समूचे नेटवर्क में 73 एक्सीडेंट दर्ज हुए थे.
ग्रीस की दीवार
यहां बताना जरूरी है कि रेलवे स्टेशनों पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने लिए इंडियन रेलवे ने रेल लाइन के बीच लगने वाली रैलिंग और दीवारों पर ग्रीस लगानी शुरू की है, ताकि कोई मुसाफिर रैलिंग फांद कर पटरी पार न कर पाए. रेलवे के इस प्रयोग से भी पटरी पार करते समय होने वाले हादसे कम हुए हैं.
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ISRO से मिलाया हाथ
बता दें कि यात्रा को सुविधाजनक और आसान बनाने के लिये रेलवे ने भारतीय अन्तरिक्ष अनुसन्धान संगठन (ISRO) से हाथ मिलाया है. ISRO की मदद से ट्रेनों में रियल टाइम इंफॉर्मेशन सिस्टम (RTIS) लगाया गया है. यह सिस्टम सैटेलाइट की मदद से ट्रेन की प्रत्येक स्थिति की सटीक जानकारी देता है, जिससे यात्रियों तथा रेलवे दोनों को लाभ मिलता है.
मेक इन इंडिया से भारतीय रेल को गति
भारतीय रेल के आधुनिकीकरण के लिए मेक इन इंडिया के तहत बड़े पैमाने पर काम किया गया है. इंटीग्रल कोच फैक्ट्री ने रिकॉर्ड 215 दिनों में 3,000 कोच तैयार किए हैं. आईसीएफ ने 9 महीने से भी कम समय में 2019 में अपना 3,000वां कोच तैयार किया है. 2014 तक, 1,000 कोच बनाने के लिए उतना ही समय लिया गया था.