Indian Railways: भारतीय रेल के पश्चिम रेलवे जोन अपने सभी रेलवे प्रतिष्ठानों और इकाइयों को "मिशन जीरो स्क्रैप" के अंतर्गत स्क्रैप मुक्त बनाने के लिए हमेशा से ही प्रतिबद्ध रही है. इस दिशा में अपने निरंतर प्रयासों को जारी रखते हुए पश्चिम रेलवे ने एक और उपलब्धि अपने नाम की है. पश्चिम रेलवे ने मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान स्‍क्रैप यानी कबाड़ की बिक्री से 200 करोड़ रुपये के बड़े आंकड़े को पार करने वाला पहला जोन बनने का गौरव प्राप्त किया है. यह उत्कृष्ट उपलब्धि पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक (प्रभारी) प्रकाश बुटानी के ऊर्जावान एवं कुशल नेतृत्व और पश्चिम रेलवे के प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक अरुण मेहता और उनकी टीम द्वारा निरंतर निगरानी के कारण संभव हुई है.

10 अगस्‍त तक स्क्रैप से 200.69 करोड़ रुपये कमा चुका है पश्चिम रेलवे 

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पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार 'जीरो स्क्रैप मिशन' की दिशा में आगे बढ़ते हुए चालू वित्त वर्ष के दौरान पश्चिम रेलवे ने 10 अगस्‍त, 2022 तक 200.69 करोड़ रुपये मूल्‍य की स्‍क्रैप बि‍क्री की है. यह अब तक हासिल किया गया सर्वश्रेष्‍ठ आंकड़ा है. बताते चलें कि पिछले साल इसी अवधि के दौरान पश्चिम रेलवे ने स्क्रैप से 123.63 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया था, लिहाजा पिछले साल की तुलना में पश्चिम रेलवे ने इस साल उल्‍लेखनीय रूप से 62 फीसदी ज्यादा राजस्व इकट्ठा किया है. यह मौजूदा वित्‍त वर्ष में 113.67 करोड़ रुपये के आनुपातिक लक्ष्‍य से भी 76 प्रतिशत ज्यादा है.

पिछले 4 सालों से लगातार 500 करोड़ रुपये के स्क्रैप की हो रही बिक्री

सुमित ठाकुर ने बताया कि पिछले चार वर्षों से पश्चिम रेलवे लगातार लगभग 500 करोड़ रुपये के स्‍क्रैप की बि‍क्री कर रहा है, जिससे अवरुद्ध निधि के मुद्रीकरण और परिणामस्वरूप राजस्व सृजन में मदद मिली है. पिछले वित्त वर्ष में पश्चिम रेलवे द्वारा 513.46 करोड़ रुपये के स्क्रैप की बिक्री की गई थी.