रेलवे (Indian Railways) की सेवाओं को और बेहतर बनाने तथा रेल यात्रियों को और अधिक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए रेलवे ने एक नई तकनीक का प्रयोग शुरू किया है. रेलवे ने ड्रोन के जरिए निरीक्षण एवं सर्वे का काम शुरू किया है. इसके उपयोग ट्रैक सफाई, बाउंड्री वॉल, व्यावसायिक सुरक्षा पर निगरानी आदि के लिए किया जा रहा.

ड्रोन के जरिए किया जा रहा है सर्वे
रेलवे द्वारा प्रयोग की जा रही ड्रोन सर्वेक्षण तकनीक काफी सफल साबित हो रही है. इसका एक सफल प्रयोग मुम्बई में वसई-विरार के बीच ट्रैक पर जलभराव को रोकने में किया गया. दरअसल वसई - विरास के करीब 30 किलोमीटर लम्बा एक नाला है जिसका पानी मानसून आने पर रेलवे ट्रैक पर भरने लगता था और रेलगाड़ियां चलाना मुश्किल हो जाता था. इस साल रेलवे ने ड्रोन सर्वे के जरिए इस नाले का पानी ट्रैक पर भरने का पता पहले ही लगा लिया और इस नाले को समय रहते साफ कर दिया जिससे इस साल पानी ट्रैक तक नहीं पहुंचा.
 
रेलवे ने ट्रैक पार करने वालों पर नजर रखनी शुरू की
रेलवे ने ट्रैक सफाई, बाउंड्रीवाल व ट्रैक को अवैध तरीके से पार करने वाले लोगों पर ड्रोन के जरिए नजर रखनी शुरू की है. जिस जगह पर किसी तरह की अवैध गतिविधि होती पाई जाती है तत्काल रेलवे सुरक्षा बल को वहां कार्रवाई करने के निर्देश जारी कर दिए जाते हैं.
 
ट्रैक के आसपास रहेगी नजर

समस्याओं का तुरंत पता लगाने और उनके सामाधान के लिए रेलवे रोज कई जगहों पर ड्रोन से सर्वे करा रहा है. आने वाले दिनों में ड्रोन सर्वे का काम और बढ़ाने की योजना है. ट्रैक के आसपास की गतिविधियों पर भी इस ड्रोन के जरिए नजर रखे जाने की योजना है.