Indian Railways latest News: इंडियन रेलवे (Indian Railways) के साथ अब सफर सुकून से कटेगा, आरामदायक होगा और सुरक्षा का भी पूरा इंतजाम होगा. जल्द ही हमारी भारतीय रेल बदली-बदली नजर आएगी. ट्रेनें 4G पर दौड़ेंगी, और यात्री चैन की नींद लेंगे. मतलब यह कि रेलवे को जो स्पेक्ट्रम (Spectrum) मिला है, उस पर वह 4G और 5G दोनों नेटवर्क डेवलप कर सकता है, लेकिन अभी इंडियन रेलवे 4G पर काम करेगा. आने वाले दिनों में होने वाले बदलाव का सीधा फायदा मुसाफिरों को मिलेगा. हाल ही में मोदी कैबिनेट ने 700 MHz ब्रॉडबैंड में रेलवे को 5 MHz स्पेक्ट्रम आवंटित किया है. इस स्पेक्ट्रम आवंटन की मदद से जरिए रेलवे तकनीक की दिशा में कई बड़े कदम उठाने जा रहा है.

स्पेक्ट्रम के फायदे (Benefits of Spectrum)

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

रियल टाइम ट्रैकिंग- रेल मुसाफ़िरो को सही और रियल टाइम आधारित ट्रैन टाइमिंग्स का पता चल सकेगा (Accurate train running status).

सेफ्टी- भारतीय रेल तंत्र में TCAS (Train collision avoidance system) सेट अप का विस्तार हो सकेगा. इस आधुनिक तकनीक के जरिए ट्रेन एक्सीडेंट की घटनाओं को रोका जा सकेगा.

सेंट्रलाइज्ड ट्रैन ऑपरेशन्स सिस्टम- विदेशों की तर्ज़ पर भारतीय रेलवे में भी सेंट्रलाइज्ड ट्रेन सिस्टम बनाया जा सकेगा. इसकी मदद से ट्रेन ऑपरेशन्स में जबरदस्त सुधार आ सकेगा. एक जगह सिस्टम के जरिए बड़े रेल नेटवर्क को ऑपरेट किया जा सकेगा. 

- एडवांस मॉडर्न सिग्नल सिस्टम में स्पेक्ट्रम आवंटन बेहद अहम भूमिका निभाएगा.

- ट्रेन की एवरेज स्पीड को बढ़ाने में भी मिलेगी मदद.

- पैसेंजर ट्रेन में कोच में लगे CCTV कैमरे में रियल टाइम आधारित फुटेज रिकॉर्ड या लाइव स्ट्रीम किया जा सकेगा.

- सेफ्टी के नज़रिए से बड़ा फायदा होगा.

- यात्रियों को ऑन बोर्ड Wifi सुविधा देने भी मिलेगी मदद.

क्या है 700 MHz बैंड और 5 MHz स्पेक्ट्रम?

आसान तरीके से समझें तो फिलहाल इंडियन रेलवे (Indian Railways) के पास 2G स्पेक्ट्रम (Spectrum) है. इसे सिग्नलिंग और कम्युनिकेशन के लिए इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन, इसमें कई बार दिक्कतें सामने आई हैं. अब रेलवे को जो 700 MHz बैंड और 5 MHz स्पेक्ट्रम मिला है, उससे ट्रेनों को 4G नेटवर्क पर चलाने की सुविधा मिलेगी.

हालांकि यह स्पेक्ट्रम 5G (5G Spectrum) को भी सपोर्ट करेगा. स्पेक्ट्रम की मदद से इंडियन रेलवे सभी रूट्स पर ‘LTE’ आधारित मोबाइल ट्रेन रेडियो कम्युनिकेशन सर्विस दे सकेगा. मौजूदा वक्त में रेलवे का पूरा कम्युनिकेशन नेटवर्क ऑप्टिकल फाइबर पर निर्भर है. नए स्पेक्ट्रम से तेज रफ्तार के रेडियो का इस्तेमाल होगा. 2G और 4G में कितना फर्क है, इसका अनुभव अभी पूरा देश कर रहा है.

Zee Business Hindi Live