Vande Bharat Sleeper Train: पीएम नरेंद्र मोदी के अगुवाई वाली तीसरी सरकार में एक बार फिर रेल मंत्री बने अश्विनी वैष्णव ने यात्रियों को खुशखबरी दी है. रेल यात्रियों के लिए अगले दो महीनों में वंदे भारत स्लीपर का ट्रायल शुरू हो जाएगा.रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन चलाने की मांग लगातार की जा रही थी। यह भारत की पहली स्वदेशी सेमी-हाईस्पीड ट्रेन है. गौरतलब है कि वंदे भारत ट्रेनों में केवल चेयर सीटें ही उपलब्ध हैं.

Vande Bharat Sleeper Train: दो महीने के अंदर ट्रैक पर होगी वंदे भारत स्लीपर ट्रेन

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रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि "वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की निर्माण प्रक्रिया तेजी से चल रही है और पहली ट्रेन दो महीने के भीतर ट्रैक पर होगी. सभी तकनीकी कार्य अंतिम चरण में हैं. यह ट्रेनसेट बीईएमएल लिमिटेड द्वारा बेंगलुरु में उनकी रेल इकाई में निर्मित की जा रही है." साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि "इसका ढांचा उच्च गुणवत्ता वाले ऑस्टेनिटिक स्टेनलेस स्टील से बना है, जिसमें क्रैश बफर्स और कपलर्स में क्रैशवर्थी तत्व शामिल हैं.’

Vande Bharat Sleeper Train: ये कंपनी बनाएगी वंदे भारत स्लीपर ट्रेन

साल 2023 में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) की अगुवाई वाले कंसोर्टियम  को 80 स्लीपर क्लास की वंदे भारत ट्रेन का कॉन्‍ट्रैक्‍ट मिला है. यह कॉन्‍ट्रैक्‍ट कुल 9,600 करोड़ रुपये से ज्‍यादा का है. शेयर बाजार को दी जानकारी के मुताबिक 35 साल के लिए रखरखाव का ठेका भी दिया गया है. भेल 72 महीनों में 80 ट्रेन की सप्‍लाई करेगी. कंसोर्टियम ICF चेन्नई की मैन्‍युफैक्‍चरिंग यूनिट और भारतीय रेलवे की ओर से सौंपे गए दो डिपो में दी गई विशेष जगह को सुसज्जित, अपग्रेड, ऑपरेट और मेन्‍टेन करेगा.  

वंदे भारत के स्लीपर वर्जन पर कुल 16 कोच होंगे, जिनमें से 11 AC 3 टियर, 4 AC 2 टियर और 1 कोच 1st AC का होगा. वंदे भारत का एक साधारण (Vande Sadharan Train) वर्जन भी तैयार किया जा रहा है. इसे Non AC Push Pull Train भी कहा जा रहा है. यह नॉन एसी वंदे भारत ट्रेन होगी.