गर्मी की छुट्टियों में आपने अगर रेल यात्रा के लिए एजेंट से रेलवे (Railway) टिकट बुक कराया है तो यह खबर आपके काम की है. रेलवे ने देशभर में एजेंटों के खिलाफ एक अभियान चलाया था, उसमें 22 हजार से ज्‍यादा टिकट ऐसे मिले हैं, जो फर्जीवाड़े से बुक किए गए. RPF ने इन टिकटों को रद्द करने का आग्रह किया है. दरअसल, रेलवे को फर्जी एजेंटों के रेल टिकट बुक करने की सूचना मिली थी. इसलिए उनकी धरपकड़ के लिए रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने बड़ा अभियान चलाया था. 

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ऑपरेशन थंडर

आरपीएफ द्वारा 13 जून को चलाए गए ऑपरेशन थंडर में पूरे देश में 276 जगहों पर छापे मारे गए और 387 टिकट एजेंटों को गिरफ्तार किया गया. डीजी आरपीएफ अरुण कुमार के मुताबिक गर्मी की छुट्टियों और शादियों की वजह से ये पीक सीजन है. आरपीएफ को खबर मिली थी कि टिकट ब्लैक करने वाले एक्टिव हो गए हैं. उसके बाद आरपीएफ ने कई टीमें बनाईं और पूरे देश में छापेमारी की.

387 टिकट एजेंट गिरफ्तार

छापे में आरपीएफ ने 141 शहरों में छापेमारी की. इस छापे में 22,253 टिकट बरामद हुए, जोकि 32,99,093 रुपये कीमत के थे. जांच में पाया गया कि इन एजेंटों ने पिछले 10 दिन में 3 करोड़ 12 लाख रुपए से ज्यादा कीमत का टिकट बुक किया था. ऑपरेशन थंडर में आरपीएफ ने 387 टिकट एजेंटों को गिरफ्तार किया है.

49 केस कोलकाता में दर्ज

इस अभियान में सबसे ज्यादा 49 केस पूर्वी रेलवे के कोलकाता में दर्ज किया गया है. उसके बाद साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे के बिलासपुर में 41 केस दर्ज हुए हैं.​ राजस्थान के कोटा में कुछ एजेंटों द्वारा सॉफ्टवेयर के जरिए तत्काल टिकट को हैक करने की बात सामने आई है. आरपीएफ ने अपनी रिपोर्ट में जब्त टिकटों को कैंसिल करने का आग्रह किया है.

फर्जी आईडी कार्ड बनाने का खेल

RPF ने पाया कि कुछ लोग टिकट के साथ ही फर्जी आई-कार्ड बनाने का खेल भी कर रहे हैं. आरपीएफ की कोशिश है कि जो एजेंट पकड़े गए हैं, उनके पुराने केस का भी जिक्र किया जाए.

 

क्‍या है सजा

रेलवे टिकटों की दलाली एक जमानती अपराध है और इसमें जुर्माना भी काफी कम लगता है. इसलिए आरपीएफ ने इंडियन रेलवेज एक्ट को और सख्‍त बनाने के लिए भी पहल कर रखी है. इस कानून को संसद में पारित कर सख्‍त बनाया जाएगा.