पैसेंजर्स की इस गलती से मालामाल हुई Central Railway, एक साल में हो गई 303 करोड़ रुपये की कमाई
Indian Railways Ticket Checking Rules: सेंट्रल रेलवे ने टिकट चेकिंग मामले में एक नया रिकॉर्ड बनाते हुए एक साल में 303 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल कर लिया है.
Indian Railways Ticket Checking Rules: सेंट्रल रेलवे (Central Railways) ने टिकट चेकिंग से कमाई के मामले में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान सेंट्रल रेलवे ने टिकट चेकिंग से कुल 235.50 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा था, जबकि इसे 48.86 लाख मामलों से कुल 303.37 करोड़ रुपये की कमाई हो गई है. यानि रेलवे ने अपने टार्गेट से 41.50 फीसदी अधिक कमाई की है. यह पहली बार है कि किसी जोनल रेलवे ने यह मुकाम हासिल किया है. भारतीय रेलवे (Indian Railways) के इतिहास में किसी भी जोनल रेलवे द्वारा ये अभी तक का सबसे अधिक टिकट चेकिंग रेवेन्यू है.
सेंट्रल रेलवे की कहां हुई कितनी कमाई
चालू वित्तीय वर्ष में जून 2023 तक, Central Railway ने टिकट चेकिंग के कुल 1339.55 हजार मामले दर्ज किए हैं और 94.04 करोड़ रुपये की कमाई की है. जबकि इस दौरान रेलवे का 1067.25 हजार मामले के साथ 6649.25 करोड़ मामलों का टार्गेट था. इस प्रकार टिकट चेकिंग मामलों में अभी तक सेंट्रल रेलवे ने 25.51 फीसदी और रेवेन्यू कलेक्शन के मामले में 41.42 फीसदी आगे है.
कहां हुई सबसे अधिक चेकिंग
सेंट्रल रेलवे ने बताया कि इस तरह की उत्कृष्ट उपलब्धि हासिल करने में रेलवे मजिस्ट्रेट के अधीन मजिस्ट्रियल टिकट जांच महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. रेलवे मजिस्ट्रेट टिकट जांच मध्य रेल के विभिन्न रेलवे स्टेशनों यानी छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, कल्याण, भुसावल, मनमाड, खंडवा, नागपुर, दौंड और पुणे में तैनात हैं. मजिस्ट्रेट दस्ते के रूप में जुड़े टिकट चेकिंग स्टाफ और आरपीएफ कर्मी रेलवे मजिस्ट्रेटों के साथ होते हैं जो चलती ट्रेनों और रेलवे स्टेशनों पर टिकट जांच करते हैं.
ऑन द स्पॉट जुर्माना लगाते हैं अधिकारी
रेलवे मजिस्ट्रेट अपने मासिक कार्यक्रम के अनुसार स्पॉट-कोर्ट आयोजित करते हैं. चेकिंग स्टाफ और आरपीएफ कर्मी मजिस्ट्रेट की सहायता के लिए अदालत के दल से जुड़े होते हैं जो चलती ट्रेनों और स्टेशनों पर जांच करते हैं और मौके पर ही जुर्माना लगाते हैं.
इन मामलों में होती है कार्रवाई
विभिन्न प्रकार के अपराधों के लिए उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों के आधार पर पकड़े गए व्यक्तियों पर भारतीय रेलवे अधिनियम की धारा 137, 139, 141, 142, 143, 147, 155, 156, 157 और 162 के तहत रेलवे मजिस्ट्रेट द्वारा हुक्मनामा फैसला सुनाया जाता है. /. महाराष्ट्र राज्य के अधिकार क्षेत्र में, चलती ट्रेनों में जांच की जाती है और स्टेशनों पर अदालतें आयोजित की जाती हैं, जबकि मध्य रेल के मध्य प्रदेश क्षेत्र में, चलती ट्रेन में ही जाँच और मोबाइल अदालतें आयोजित की जाती हैं.
वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान 740 जांचें की गईं, 9210 मामले दर्ज किए गए और 44,20,840/- रुपये की जुर्माना राशि वसूल की गई. चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में अप्रैल-जून 2023 तक 265 जांचें की गईं, 5253 मामले दर्ज किए गए और 34.12 लाख रुपये का जुर्माना वसूला गया है.
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