Indian Railways: देश में विश्वस्तरीय रेल सेवाएं देने के लिए भारतीय रेल दिन-रात बिना रुके, बिना थके काम कर रही है. भारतीय रेल सिर्फ तेजी से पटरियां ही नहीं बिछा रही है बल्कि उतनी ही तेजी से लोकोमोटिव की मैन्यूफैक्चरिंग भी कर रही है. इतना ही नहीं, भारतीय रेल पहले के मुकाबले रेल एक्सेल और रेल के पहियों की भी जबरदस्त तेजी के साथ मैन्यूफैक्चरिंग हो रही है. रेल मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक भारतीय रेल ने वित्त वर्ष 2022-23 में 1 अप्रैल से लेकर 31 अगस्त तक 371 लोकोमोटिव का निर्माण किया है. जबकि पिछली साल इसी अवधि के दौरान 371 की तुलना में 324 लोकोमोटिव बनाए गए थे. यानी भारतीय रेल ने पिछले साल की तुलना में इस साल 47 लोकोमोटिव ज्यादा बनाए हैं.

पिछले साल 14,854 के मुकाबले इस साल बनाए 27,550 पहिये

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रेल मंत्रालय ने बताया कि इस साल रेल एक्सेल के प्रोडक्शन में भी तेजी दर्ज की गई है. पिछले साल अप्रैल से अगस्त तक कुल 37,091 रेल एक्सेल बनाए गए थे, जबकि इस साल अप्रैल से लेकर अगस्त तक भारतीय रेल ने 39,738 रेल एक्सेल बनाकर तैयार कर दिए हैं. इतना ही  नहीं, इस साल रेल के पहियों की मैन्यूफैक्चरिंग में तो जबरदस्त उछाल देखने को मिला है. रेलवे ने पिछले साल की तुलना में इस साल करीब दोगुने रेल पहियों का निर्माण किया है. रेल मंत्रालय के मुताबिक पिछले साल अप्रैल से लेकर अगस्त तक सिर्फ 14,854 रेल पहियों का निर्माण किया गया था लेकिन इस साल रेलवे ने 27,550 पहिये बनाकर सभी को हैरान कर दिया.

नई तकनीक वाले एलएचबी कोच की मैन्यूफैक्चरिंग में भी बड़ा उछाल

अब जब रेल के इंजन, पहिए और एक्सेल इतनी तेजी से बन रहे हैं तो रेल के डिब्बे कैसे पीछे छूट सकते हैं. जी हां, रेलवे ने पिछले साल के मुकाबले इस साल एलएचबी कोच बनाने में भी पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है. रेलवे ने पिछले साल अप्रैल से लेकर अगस्त तक 1594 एलएचबी कोच बनाए थे जबकि इस साल रेलवे ने 1874 एलएचबी कोच बना डाले. बताते चलें कि मौजूदा समय में ज्यादातर ट्रेनों में इस्तेमाल किए जा रहे एलएचबी कोच साधारण आईसीएफ कोच के मुकाबले काफी सुरक्षित और सुविधाजनक होते हैं. इन डिब्बों के आने के बाद ही हमारे देश में ट्रेनों की गति में भी बढ़ोतरी हुई है.