हर बार समय पर पहुंचेगी आपकी ट्रेन, पटरी पर 160 किमी की रफ्तार से दौड़ेंगी गाड़ियां, जानिए क्या है रेलवे का प्लान
Indian Railways: भारतीय रेलवे अपने पैसेंजर्स को शानदार सफर देने के लिए लगातार प्रयासरत है. पैसेंजर्स को हर बार समय से पहुंचाने के लिए ट्रेनों की स्पीड को बढ़ाने के लिए काम कर रही है. प्रमुख रेलमार्गों पर ट्रेनों की रफ्तार 130 से बढ़ाकर 160 किलोमीटर प्रतिघंटा तक करने का लक्ष्य है.
Indian Railways: भारतीय रेलवे अपने पैसेंजर्स को शानदार सफर देने के लिए लगातार प्रयासरत है. पैसेंजर्स को हर बार समय से पहुंचाने के लिए ट्रेनों की स्पीड को बढ़ाने के लिए काम कर रही है. प्रमुख रेलमार्गों पर ट्रेनों की रफ्तार 130 से बढ़ाकर 160 किलोमीटर प्रतिघंटा तक करने का लक्ष्य है. इसी कड़ी में पूर्व मध्य रेल द्वारा प्रस्तावित 160 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति वाले रेलवे ट्रैक के दोनों किनारे सुरक्षा बाड़ लगाए जा रहे हैं.
रेलवे ट्रैक के दोनों और लग रहा है सिक्योरिटी बाड़ा
पूर्व मध्य रेलवे (East Central Railway) के क्षेत्राधिकार वाले रेलवे ट्रैक के दोनों ओर सुरक्षा बाड़ लगाए जा रहे हैं. इसके तहत बिहार, झारखंड एवं उत्तर प्रदेश राज्य में पूर्व मध्य रेल क्षेत्राधिकार के लगभग 412 किलोमीटर लंबे ग्रैंड कॉर्ड रेलवे ट्रैक को कवर किया जा रहा है. इसमें से अब तक 231 किलोमीटर रेलवे ट्रैक की फेंसिंग का कार्य पूरा हो चुका है.
231 किलोमीटर का कार्य हुआ पूरा
पूर्व मध्य रेलवे के सीपीआरओ सरस्वती चंद्र ने बताया कि प्रधानखंटा से धनबाद, गोमो, कोडरमा, गया, सोननगर होते हुए पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन तक 412 किलोमीटर रेलखंड में से 231 किलोमीटर रेलवे ट्रैक की फेंसिंग का कार्य पूरा हो चुका है. 'मिशन रफ्तार' के तहत देश में ट्रेनों की गति बढ़ाने के लिए काम हो रहा है.
150 किलोमीटर रेलवे ट्रैक की होनी है फेसिंग
उन्होंने बताया कि पंडित दीन दयाल उपाध्याय मंडल में 200 किलोमीटर में से 110 किलोमीटर रेलवे ट्रैक फेंसिंग का कार्य प्री-फैब्रिकेटेड सीमेंटेड स्लैब लगाकर पूरी की जा चुकी है. शेष 90 किलोमीटर का कार्य क्रैस बैरियर लगाकर शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा. इसी तरह, धनबाद मंडल में आने वाले 175 किलोमीटर ग्रैंड कॉर्ड रेलखंड में सें 25 किलोमीटर लंबे घाट सेक्शन छोड़कर शेष 150 किलोमीटर रेलवे ट्रैक की फेसिंग की जानी है, जिनमें से अब तक 121 किलोमीटर का कार्य प्री-फैब्रिकेटेड सीमेंटेड स्लैब लगाकर पूरा हो चुका है.
प्री-फैब्रिकेटेड सीमेंट के ढलाई किए हुए स्लैब को दो पिलरों के मध्य स्थापित कर दिया जाता है तथा क्रैस बैरियर स्टील के दो पिलरों के मध्य एक सीमित ऊंचाई के अंतराल पर दो स्टील प्लेटों को लगाया जाता है. बताया जाता है कि फेंसिंग कार्य पूरा हो जाने के बाद इन रेलखंडों पर गाड़ियों का आवागमन और सुगम हो जाएगा, जिससे ट्रेनों का समय पालन बनाए रखने में मदद मिलेगी एवं अतिरिक्त ट्रेनों का परिचालन भी हो सकेगा.