चेन्नई में स्थित रेलवे की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) की ओर से तैयार किए गए Train 18 रेलगाड़ी को सोमवार को फैक्ट्री से निकाल कर गाड़ी की टेस्टिंग के लिए रेलवे के शोध संस्थान RDSO के अधिकारियों को सौंप दिया गया. इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान रेलवे बेार्ड के अध्यक्ष अश्वनी लोहानी भी मोजूद रहे. इस मौके पर उन्होंने झंडी दिखा कर गाड़ी को रवाना किया. जल्द ही इस गाड़ी को ट्रायल रन के लिए मुरादाबाद ले जाया जाएगा.

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ये है देश की इस सबसे अधिक आधुनिक रेलगाड़ी की खूबियां

Train 18 की अधिकतम गति 160 किलोमीटर प्रति घटा हेागी. यह गाड़ी देश की सबसे तेज चलने वाली गाड़ी होगी. इन गाड़ियों को शताब्दी रेलगाड़ियों की जगह पर चलाया जाएगा. रेलवे के अधिकारियों के अनुसार Train 18 शताब्दी गाड़ियों की तुलना में 15 फीसदी से अधिक समय बचाएगी.

Train 18 भारतीय रेलवे का और देश में चलने वाला पहला ट्रेन सेट है. यह गाड़ी 16 डिब्बों की हैं. हर 4 डिब्बे एक सेट में हैं. ट्रेन सेट होने के चलते इस गाड़ी के दोनों ओर इंजन हैं. इंजन भी मेट्रो की तरह छोटे से हिस्से में हैं. ऐसे में इंजन के साथ ही बचे हिस्से में 44 यात्रियों के बैठने की जगह है.

इंटीग्रल कोच फैक्ट्री के महाप्रबंधक सुधांशू मनी के अनुसार Train 18 को विकसित करने में 100 करोड़ रुपये का खर्च आया है. इस गाड़ी को यदि बाहर से आयात किया जाता तो 200 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च आता है. रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार गाड़ी के नियमित तौर पर उत्पादन के दौरान गाड़ी की लागत काफी काफी कम हो जाएगी.

16 डिब्बों की इस रेलगाड़ी में 2 एक्जीक्यूटिव क्लास के डिब्बे हैं. एक्जीक्यूटिव क्साल के डिब्बों में 52 सीटें और अन्य कोचों में 78 सीटें हैं. इस गाड़ी में लगी सीटें 360 डिग्री तक घूम जाती हैं. वहीं इस गाड़ी में सेंसर लगे हैं जो गाड़ी में यात्रियों की संख्या के अनुसार गाड़ी के अंदर एसी का तापमान मेंटेन करते हैं.

Train 18 में मनोरंजन के भी पूरे इंतजाम हैं. यात्रा के दौरान इस गाड़ी में ऑन बोर्ड इनफोटेंटमेंट सिस्टम का मजा लिया जा सकता है. वहीं ट्रेन में वाईफाई, जीपीएस बेस पैसेंजर इनफार्मेशन सिस्टम, स्लाइडिंग डोर, वैक्यूम टॉयलेट जैसी कई आधुनिक सुविधाएं हैं.