ट्रेन से सफर करने वालों को रेलवे की तरफ से कई तरह की सुविधाएं दी जाती हैं. अगर आप भी रेलवे के साथ सफर करते हैं तो आपको इन सुविधाओं की जानकारी जरूर होनी चाहिए. ऑनलाइन टिकट बुकिंग और कैंसिलेशन दोनों ही आम बात है. रेलवे ने कैंसिलेशन को भी पहले के मुकाबले काफी आसान कर दिया है.

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लेकिन, उस कंडीशन में क्या होगा, जब आपकी ट्रेन रद्द हो जाए. पैसा कैसे वापस मिलेगा. क्या रेलवे खुद रिफंड करता है या फिर इसके लिए भी टीडीआर भरने की जरूरत है. आइये जानते हैं क्या कहता है रेलवे का नियम...

ऑटोमैटिक मिलता है रिफंड

अगर आपके पास ई-टिकट है और जिस ट्रेन में यात्रा करने वाले हैं, उसे किसी कारण रद्द कर दिया जाता है तो आपको ई-टिकट कैंसिल करवाने के लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं है. रेलवे ने ट्रेन रद्द होने पर ई-टिकट का पैसा ऑटोमेटिक रिफंड हो जाता है. पैसेंजर्स को टिकट कैंसिल करवाने के लिए कोई टीडीआर फॉर्म भरने की जरूरत नहीं है. साथ ही कैंसिलेशन चार्ज का भुगतान भी नहीं करना होगा. रिफंड सीधे आपके खाते या वॉलेट में क्रेडिट कर दिया जाएगा. पहले यह सुविधा सिर्फ वेटिंग वाले ई-टिकट पर मिलती थी. लेकिन, रेलवे के बदले नियमों के बाद यह कंफर्म और आरएसी ई-टिकट पर भी लागू है.

पहले भरना पड़ता था फॉर्म

रेल मंत्रालय ने इस नियम को बदलने के लिए सकुर्लर भी जारी किया था. इससे पहले ट्रेन कैंसिल होने पर पैसेंजर्स को कैंसिलेशन के लिए खुद भागदौड़ करनी पड़ती थी. एजेंट से टिकट कराने वालों को और परेशानी होती थी. कई बार पैसे भी डूब जाता था. पर्सनल आईडी से हुए ई-टिकट में भी टीडीआर फॉर्म भरने में दिक्कतें आती हैं. लेकिन, रेलवे के इस नए नियम से ई-टिकट से सफर करने वालों को बड़ी राहत मिली है.

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काउंटर टिकट पर नहीं मिलेगी सुविधा

रेलवे ने साफ किया है कि इस सर्विस का फायदा सिर्फ ई-टिकट पर लागू होता है. काउंटर से रिजर्वेशन कराने वाले मुसाफिरों को ऑटोमैटिक रिफंड नहीं मिलता. उन्हें काउंटर पर जाकर रिफंड फॉर्म भरने पर ही पैसा वापस मिलता है. ई-टिकट के लिए बैंक खाते या फिर किसी वॉलेट से ट्रांजेक्शन होता है, इसलिए रिफंड करने में ज्यादा परेशानी नहीं आती.