रेल कोच में कैमरे लगाने के लिए ₹20,000 करोड़ का आएगा टेंडर? रेलवे ने बताई इन दावों की सच्चाई
रेल डब्बों में कैमरे लगाने के लिए ₹20,000 करोड़ के RPF जारी करने संबधी मीडिया रिपोर्ट्स का भारतीय रेलवे ने खंडन किया है. PIB फैक्ट चेक ने इसे भ्रामक बताया है.
भारतीय रेल ने रेल कोच में कैमरे लगाने के लिए ₹20,000 करोड़ के प्रोजेक्ट प्रस्ताव अनुरोध (RFP) जारी करने संबंधी 16 नवंबर, 2024 को आई मीडिया रिपोर्ट्स का खंडन किया है. रेलवे ने कहा है कि इस मीडिया रिपोर्ट्स में भारतीय रेलवे द्वारा कोचों को आईपी-सीसीटीवी निगरानी प्रणाली से लैस करने की पहल के बारे में भ्रामक और गलत जानकारी दी गई है. इन रिपोर्ट्स में प्रोजेक्ट के दायरे,लागत और प्रोग्रेस को गलत तरीके से पेश किया गया है.
बिडिंग संबंधी मसौदे को नहीं दिया गया अंतिम रूप
रेलवे ने कहा है कि हम इन दावों का पूरी तरह खंडन करते हैं और साफ करते हैं कि इस प्रोजेक्ट के लिए बिडिंग संबंधी मसौदा पर अभी भी वित्तीय समीक्षा की जा रही है और इसे अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है. एक बड़े अखबार और दूसरे मीडिया के दावों से उलट कोई टेंडर या नोटिस इनवाइटिंग टेंडर(NIT) प्रकाशित नहीं किया गया है. बताए जा रहे फैक्ट्स, आंकड़े और टाइम फ्रेम केवल अटकलें हैं और आधारहीन है.
मीडिया रिपोर्ट्स में क्या किया गया दावा
भारतीय रेलवे ने लोगों और हितधारकों से कहा कि वह ट्रांसपेरेंसी, सुरक्षा और दक्षता की अपनी प्रतिबद्धता फिर से दोहराता है. आपको बता दें कि मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि शुरुआत में 40,000 डिब्बों में 75 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. हर डिब्बे में 6 कैमरे और विकलांगों के लिए सामान रखने वाले डिब्बे में 8 कैमरे लगाए जाएंगे. बोली लगाने के लिए कंपनी का सालाना टर्नओवर कम से कम 1,200 करोड़ रुपये होना चाहिए. इसके अलावा पिछले तीन सालों में कंपनी ने 60 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट पूरा किया हो.
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि बोली लगाने के लिए नाम देने की डेडलाइन को 15 नवंबर से आगे बढ़ाया जा सकता है. 24 अक्टूबर को प्रकाशित टेंडर डॉक्यूमेंट्स में 15 नवंबर की डेडलाइन दी गई थी. PIB की फैक्ट चेक यूनिट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भी इस मीडिया रिपोर्ट्स को भ्रामक बताया है.